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________________ उपाध्याय पदस्थापना विधि का वैज्ञानिक स्वरूप...131 • इस वर्धमानविद्या मन्त्र को वाचनाचार्य पदस्थापना में कही गई विधि के अनुसार सिद्ध करें। • इस महोत्सव के दिन ऋद्धिमान् श्रावक या संघ साधर्मी वात्सल्य आदि शासन प्रभावना करें। शेष देववन्दन, नन्दीश्रवण, वासदान, प्रदक्षिणा, सप्त थोभवंदन, प्रवेदन, शिक्षावचन आदि क्रियानुष्ठान पूर्ववत ही सम्पादित करें। तपागच्छ आम्नाय में उपाध्याय पदस्थापना की विधि लगभग पूर्ववत् ही सम्पन्न करते हैं, यद्यपि स्पष्ट बोध के लिए यह आलेख पठनीय है/3 • सर्वप्रथम पदग्राही मुनि शुभ मुहूर्त में नन्दी रचना की तीन प्रदक्षिणा दें। • फिर वसति प्रवेदन करें। • उसके बाद एक खमासमण पूर्वक मुखवस्त्रिका की प्रतिलेखना करें। • फिर उपाध्यायपद के अनुज्ञापनार्थ वासचूर्ण ग्रहण करें। • देववन्दन करें। • नन्दी पाठ सुनें। तत्पश्चात गुरु तीन नमस्कारमन्त्र का उच्चारण कर तीन बार निम्न पाठ सुनाएं - "ॐ नमो आयरियाणं भगवंताणं नाणीणं पंचविहायार सुट्ठियाणं इह भगवते आयरिया अवयरंतु, साहूसाहूणी सावयसावियाकयं पूयं पडिच्छंतु सव्वसिद्धिं दिसंतु स्वाहा।" • फिर सात बार थोभवन्दन करें। • फिर गुरु भगवन्त वर्धमानविद्या का मन्त्र सुनाएं जो किञ्चित् परिवर्तन के साथ इस प्रकार है"ॐ नमो अरिहंताणं, ॐ नमो सिद्धाणं, ॐ नमो आयरियाणं, ॐ नमो उवज्झायाणं, ॐ नमो सव्वसाहूणं, ॐ नमो ओहिजिणाणं, ॐ नमो परमोहि जिणाणं, ॐ नमो सव्वोहि जिणाणं, ॐ नमो अणंतोहिजिणाणं, ॐ वीरे वीरे महावीरे जयवीरे सेणवीरे वद्धमाणवीरे जये विजये जयंते अपराजिए अणिहए ओं ह्रीं स्वाहा।" • फिर तीन बार नामकरण करें। • पवेयणा का आदेश लें। • प्रत्याख्यान ग्रहण करें एवं 'बइसणं' का आदेश लें।
SR No.006244
Book TitlePadarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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