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Ixii... जैन मुनि की आहार संहिता का समीक्षात्मक अध्ययन
11. आहार के समय खड़े होने की विधि 12. आहार भोग की आपवादिक विधि 13. विधि पूर्वक आहार करने के लाभ 14. सात्विक आहार का फल 15. पात्र धोने की विधि 16. परिष्ठापनीय आहार और परिष्ठापन विधि 17. प्रचलित परम्पराओं में भिक्षाचर्या विधि |
अध्याय-6 : भिक्षाचर्या का ऐतिहासिक एवं तुलनात्मक
अनुसंधान
197-222
1. भिक्षाचर्या विधि की ऐतिहासिक अवधारणा 2. तुलनात्मक विवेचन 3. आहार के सैंतालीस दोषों का तुलनात्मक चार्ट ।
अध्याय-7 : उपसंहार
223-224
• सैंतालीस दोष सम्बन्धी कथाओं की विषय सूची
225-255
1. उद्गम दोष : लड्डुकप्रियकुमार कथानक 2. आधाकर्म : पानक दृष्टान्त 3. द्रव्यपूति : गोबर दृष्टान्त 4. क्रीतकृत दोष : मंख दृष्टान्त 5. लौकिक प्रामित्य दोष : भगिनी दृष्टान्त 6. परिवर्तित दोष : लौकिक दृष्टान्त 7. अभ्याहृत दोष : मोदक दृष्टान्त 8. मालापहृत दोष : भिक्षु दृष्टान्त 9. आच्छेद्य दोष : गोपालक - दृष्टान्त 10. अनिसृष्ट दोष : लड्डुक - दृष्टान्त 11. धात्री दोष : संगमसूरि और दत्त कथानक 12. दूती दोष : धनदत्त कथा 13. निमित्त दोष : ग्रामभोजक दृष्टान्त 14. चिकित्सा दोष : सिंह दृष्टान्त 15. क्रोधपिण्ड : क्षपक ं दृष्टान्त 16. मानपिण्ड : सेवई दृष्टान्त 17. मायापिण्ड दोष : आषाढ़भूति कथानक 18. लोभपिण्ड दोष : सिंहकेशरक मोदक दृष्टान्त 19. विद्या प्रयोग दोष : भिक्षु उपासक का कथानक 20. मंत्र प्रयोग दोष : मुरूण्ड राजा एवं पादलिप्तसूरि कथानक 21. चूर्ण प्रयोग दोष: क्षुल्लकद्वय एवं चाणक्य कथानक 22. योग प्रयोग दोष : कुलपति एवं आर्य समित कथानक 23. मूलकर्म प्रयोग दोष : विवाह दृष्टान्त 24. छर्दित दोष : मधुबिन्दु दृष्टान्त 25. द्रव्य ग्रासैषणा दोष : मत्स्य दृष्टान्त ।
सहायक ग्रन्थ सूची
256-260