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जैन मुनि की आहार संहिता का समीक्षात्मक अध्ययन ...lxi परिमाण क्या हो? 6. अवशिष्ट आहार की शास्त्रोक्त व्यवस्था 7. आहार और विवेक 8. आहार दान का अधिकारी कौन? 9. आहार दान सम्बन्धी सावधानियाँ 10. निरन्तराय आहार हेतु अपेक्षित सावधानियाँ 11. भिक्षाचर्या (गवेषणा) सम्बन्धी मर्यादाएँ।
12. भिक्षाचर्या से सम्बन्धित आवश्यक नियम • भिक्षागमन सम्बन्धी नियम • गृह प्रवेश सम्बन्धी नियम • भिक्षा स्थल सम्बन्धी नियम • भिक्षाचर्या सम्बन्धी सामान्य नियम।
___ 13. भिक्षाचर्या के निषिद्ध-अनिषिद्ध स्थान • कुल स्थानों में जाने का निषेध • पर्व स्थानों में जाने का निषेध . उत्सव स्थानों में भिक्षार्थ जाने का निषेध • महाभोज में आहारार्थ जाने का निषेध • राजभवन में आहारार्थ जाने का निषेध • गोदोहन सम्बन्धी काल का निषेध • बंद द्वार गृहों में आहारार्थ प्रवेश का निषेध • भिक्षा योग्य-अयोग्य स्थान।
14. अतिरिक्त आहार ग्रहण सम्बन्धी निर्देश 15. दिगम्बर मनि किन स्थितियों में आहार नहीं ले सकते? 16. 'निर्दोष आहार की प्राप्ति संभव है' इस सम्बन्ध में पूर्वपक्ष और उत्तरपक्ष 17. आधुनिक युग में भिक्षाचर्या के औचित्य एवं अनौचित्य का प्रश्न 18. आहार की शुद्धता और औद्देशिकता का प्रश्न। अध्याय-4 : आहार सम्बन्धित बयालीस दोषों के हेतु एवं परिणाम
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1. उद्गम के सोलह दोष 2. उत्पादना के सोलह दोष 3. एषणा के दस दोष 4. मंडली सम्बन्धी पाँच दोष 5. आहार करने के प्रयोजन 6. आहार न करने के प्रयोजन 7. भिक्षाचर्या के अन्य दोष 8. आहार शुद्धि के अभाव में लगने वाले दोष 9. गोचरचर्या सम्बन्धी आलोचना में लगने वाले दोष। अध्याय-5 : भिक्षाचर्या की विधि एवं उपविधियाँ 172-196 ___ 1. भिक्षागमन से पूर्व करने की विधि 2. भिक्षा गमन विधि 3. गोचरचर्या के पश्चात उपाश्रय में आकर करने योग्य विधि 4. भिक्षा सम्बन्धी आलोचना विधि 5. आहार रखने की विधि।
6. आहार दिखलाने की विधि 7. द्वितीय कायोत्सर्ग विधि 8. स्वाध्याय एवं उसके प्रयोजन 9. आहारार्थी मुनि के प्रकार 10. आहार करने की विधि