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252... जैन मुनि की आहार संहिता का समीक्षात्मक अध्ययन
सन्दर्भ सूची
1. पिण्डनिर्युक्ति, गा. 88-90 की टीका 33, 34
2. वही, गा. 168 की टीका 65
3. वही, गा. 245-46 की टीका 83
पृ. 97
4. (क) वही गा. 310-11 की टीका, (ख) पिण्डविशुद्धिप्रकरण टीका, पृ.40
5. (क) पिण्डनिर्युक्ति, गा. 317-19 की टीका, पृ. 98-99 (ख) पिण्डविशुद्धिप्रकरण टीका, पृ. 41
6. (क) वही, गा. 324-26 की टीका 100-101
(ख) वही, पृ. 43
7. पिण्डनिर्युक्ति, गा. 337-40 की टीका, पृ. 103, 104
8. पिण्डविशुद्धिप्रकरण की टीका में जयन्तपुर के स्थान पर जयपुर नगर का उल्लेख है।
9. (क) पिण्डनिर्युक्ति, गा. 359-600 की टीका, पृ. 108 (ख) पिण्डविशुद्धिप्रकरण टीका, पृ. 46
10. (क) पिण्डनिर्युक्ति, गा. 368-69 की टीका, पृ. 111
(ख) निशीथ चूर्णि के अनुसार एक ग्वाला दूध का विभाग लेकर गाय की रक्षा करता था। वह प्रतिदिन दूध देने वाली गायों का चौथाई भाग स्वयं लेता था और चौथे दिन गायों का पूरा दूध स्वयं ग्रहण करता था। निशीथ भाष्य, 4502 की चूर्णि, पृ. 433
(ग) पिण्डविशुद्धिप्रकरण टीका, पृ. 47
11. (क) पिण्डनिर्युक्ति, गा. 378-81 की टीका, पृ. 113, 114 निशीथभाष्य, 4517-19 चूर्णि, पृ. 437
(ग) पिण्डविशुद्धिप्रकरण टीका, पृ. 47-48
12. (क) पिण्डनियुक्ति, 427 की टीका, पृ. 125, 126
(ख) उत्तराध्ययननियुक्ति, 107
(ग) आवश्यक नियुक्ति, 778
(घ) आवश्यक चूर्णि, भा-2. पृ. 35 (च) निशीथभाष्य, 4392-94 चूर्णि, पृ. 408