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140... जैन मुनि की आहार संहिता का समीक्षात्मक अध्ययन
न हो) 3. स्थविर 4. नपुंसक 5. मत्त 6. क्षिप्त चित्त (धन आदि की चोरी होने पर जिसका चित्त क्षिप्त हो जाए) 7. दीप्तचित्त (शत्रु के द्वारा अनेक बार पराजित होने पर चित्त - विप्लुति होना) 8. यक्षाविष्ट 9. कटे हाथ वाला 10. छिन्न पैर वाला 11. अंधा 12. श्रृंखला बद्ध 13. कोढ़ी 14. गर्भवती स्त्री 15. बालवत्सा स्त्री 16. अनाज का कंडन करती हुई 17. उसे पीसती हुई 18. अनाज भूनती हुई 19. सूत कातती हुई 20. रुई पींजती हुई | 220
मूलाचार में निम्नलिखित 31 व्यक्तियों को भिक्षा देने के अयोग्य माना गया है- 1. धाय 2. मदिरा से उन्मत्त 3. रोगी 4. मृतक को श्मशान में पहुँचाकर आने वाला 5. नपुंसक 6. पिशाच ( वात रोग से प्रभावित ) 7. नग्न 8. मल विसर्जित करके आया हुआ 9. मूर्च्छा के कारण पतित 10. वमन करके तत्काल आया हुआ 11. रुधिर युक्त 12. वेश्या दासी 13. आर्यिका श्रमणी (रक्तपटिका आर्यिका आदि न हो) 14. शरीर का अभ्यंगन की हुई 15. अति बाला (छोटी बालिका, यहाँ उपचार से छोटा बालक भी ग्राह्य है)। 16. अतिवृद्धा 17. खाना खाती हुई 18. गर्भिणी (पाँच मास की गर्भिणी) 19. अंधी स्त्री 20. अंतरिताभींत आदि के पीछे या उसके सहारे से बैठी स्त्री 21. नीचे बैठी हुई 22. ऊँचे स्थान पर बैठी हुई 23. मुँह से अग्नि फूंकने वाली 24. काठ डालकर अग्नि जलाने वाली 25. सारण- चूल्हे में लकड़ी आदि को आगे-पीछे सरकाती हुई 26. भस्म आदि से आग को ढ़कने वाली 27. पानी आदि से अग्नि बुझाने वाली 28. अग्नि को इधर-उधर चलाने वाली या बुझाने वाली 29. गोबर आदि से लीपती हुई 30. मज्जन- स्नान आदि करती हुई 31. दूध पीते बालक को छोड़कर भिक्षा देती हुई | 221
प्रवचनसारोद्धार की टीका में 29 व्यक्तियों को दान के अयोग्य कहा गया है। उनकी नाम सूची इस प्रकार है - 1. स्थविर 2. अप्रभु 3. नपुंसक 4. कंपमान 5. ज्वरग्रस्त 6. अंध 7 बाल 8 मत्त 9. उन्मत्त 10. लूला 11. लंगड़ा 12. कोढ़ी 13. बंधनबद्ध 14. पादुका पहना हुआ, 15. धान्य का कंडन करती हुई 16. पीसती हुई 17. अनाज भूंजती हुई 18. चरखा कातती हुई 19. कपास लोठती हुई 20. कपास अलग करती हुई 21. रुई पींजती हुई 22. अनाज आदि दलती हुई 23. दही का मन्थन करती हुई 24. भोजन करती हुई 25. गर्भिणी 26. बालवत्सा 27. छ: काय जीवों से युक्त हाथ वाली 28. छ: काय जीवों का घात करती हुई 29. संभावित भय वाली 1222