________________
जैन गृहस्थ के व्रतारोपण सम्बन्धी विधियों का प्रासंगिक.... ...lxiii
उपधान, 7. सिद्धस्तव (सिद्धाणंबुद्धाणंसूत्र) उपधान।
• ज्ञानाचार और उपधान • योग और उपधान • विपश्यना और उपधान • उपधानवाहियों के लिए करणीय-अकरणीय कार्य।
• उपधानवाहियों के जानने योग्य कुछ महत्त्वपूर्ण बातें- 1. पुरूषों के लिए आवश्यक उपकरण 2. श्राविकाओं के लिए आवश्यक उपकरण 3. उपधान दिव. निरस्त होने के कारण 4. उपधान के आलोचना योग्य दोष 5. उपधानवाही की दैनिक क्रियाएँ 6. उपधानवाही के लिए विशिष्ट सूचनाएँ।
• उपधान के लाभ • उपधान न करने पर होने वाले दोष • उपधान तपविधि में हुए क्रमिक परिवर्तन • उपधान के वाचना क्रम में घटित परिवर्तन • वाचनाओं का प्राचीन एवं अर्वाचीन क्रम • उपधान करवाने का अधिकारी कौन ? • उपधान करने योग्य कौन? • उपधान का अधिकारी गृहस्थ या मुनि? • उपधान वहन कब? . मालारोपण का सामान्य स्वरूप • माला धारण करवाने का अधिकारी कौन? • मालारोपण की शास्त्रीय विधि • माला किस वस्तु की हो ? • मालाधारण का महत्त्व • मालारोपण कब हो? • माला महोत्सव का प्रयोजन • उपधान विधि की ऐतिहासिक विकास यात्रा • मालारोपण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि • महानिशीथसूत्र में वर्णित उपधान विधि।
• उपधान की विशेष विधि- 1. प्रभातकालीन क्रियाविधि 2. उपधान उत्क्षेप(प्रवेश) विधि 3. कायोत्सर्ग विधि 4. देववंदन विधि 5. नंदीश्रवण विधि 6. वासअक्षत अभिमन्त्रण विधि 7. उद्देश विधि 8. नंदिपवेयण विधि 9. नंदीविसर्जन विधि 10. पौषधग्रहण विधि 11. प्रात:कालीन प्रतिलेखन विधि 12. उग्घाड़ा पौरूषी विधि।
• उपधान सम्बन्धी अन्य विधि-विधान- 1. वाचना विधि 2. वसति प्रवेदन विधि 3. कायोत्सर्ग विधि 4. नवकारवाली गिनने की विधि 5. खमाससमण विधि 6. आलोचना ग्रहण विधि 7. उपधान निक्षेप विधि 8. प्रतिपूर्णा विकृति पारणविधि।
• मालारोपण विधि- 1. समुद्देश विधि 2. अनुज्ञा विधि • जैन धर्म की प्रचलित परम्पराओं में उपधान विधि • तुलनात्मक अध्ययन • उपसंहार • सन्दर्भ सूची।