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________________ Ixii... जैन गृहस्थ के व्रतारोपण सम्बन्धी विधियों का प्रासंगिक साधना का परस्पर सम्बन्ध • सामायिक में चित्त शांति के उपाय • सामायिक व्रत में प्रयुक्त सामग्री • सामायिक की ऐतिहासिक विकास यात्रा • षाण्मासिक सामायिक आरोपण विधि • जैन धर्म की विभिन्न परम्पराओं में सामायिक ग्रहण एवं पारण विधि • तुलनात्मक विवेचन • सामायिक व्रत सम्बन्धी विधि विधानों के प्रयोजन • उपसंहार • सन्दर्भ सूची। .... अध्याय - 5 : पौषधव्रत विधि का सामयिक अध्ययन 260-311 • पौषध शब्द का तात्त्विक अर्थ • पौषध के मुख्य प्रकार • पौषध व्रत की प्रतिज्ञा के विभिन्न विकल्प • पौषधधारी के कर्त्तव्य • पौषधव्रत से होने वाले लाभ • पौषध का तात्कालिक फल • पौषध व्रतग्राही के लिए जानने योग्य कुछ बातें • पौषव्रत के अठारह दोष • पौषध व्रतधारी एवं पौषध व्रत प्रदाता की योग्यताएँ • पौषधव्रत हेतु शुभदिन आदि का विचार • पौषध किन तिथियों में करें? • पौषधव्रत के लिए आवश्यक उपकरण • पौष व्रत की ऐतिहासिक अवधारणा • पौषध ग्रहण विधि का प्रचलित स्वरूप। • पौषध विधि से सम्बन्धित अन्य विधि-विधान - 1. प्रातः कालीन प्रतिलेखना विधि 2. रात्रिकमुखवस्त्रिका प्रतिलेखन विधि 3. उग्घाड़ापौरूषी विधि 4. प्रत्याख्यानपारण विधि 5. भोजन या पानी के बाद की चैत्यवंदन विधि 6. स्थंडिलगमन एवं आलोचना विधि 7. सन्ध्याकालीन प्रतिलेखन विधि 8. चौबीसमांडला विधि 9. प्रतिक्रमण विधि 10. रात्रिकसंस्तारक पौरूषी विधि, 11. पौषध पारने की विधि। • तुलनात्मक विवेचन • उपसंहार • सन्दर्भ सूची । अध्याय - 6 : उपधान तपवहन विधि का सर्वांगीण अनुशीलन 312-417 उपधान शब्द का अर्थ • उपधान का स्वरूप • उपधान तप की आवश्यकता क्यों ? • उपधान तप की प्रासंगिकता विविध दृष्टियों से उपधान का लोकोत्तर माहात्म्य • उपधान के मुख्य प्रकार 1. पंचमंगल महाश्रुतस्कन्ध उपधान 2. इरियावहिय श्रुतस्कन्ध उपधान, 3. अरिहंत भावस्तव (णमुत्थुणंसूत्र) उपधान, 4. चैत्यस्तव (अरिहंतचेईयाणंसूत्र) उपधान 5. चतुर्विंशतिस्तव (लोगस्ससूत्र) उपधान, 6. श्रुतस्तव (पुक्खरवरदीसूत्र ) •
SR No.006240
Book TitleJain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, C000, & C999
File Size37 MB
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