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उपासकप्रतिमाराधना विधि का शास्त्रीय विश्लेषण ...453
सन्दर्भ सूची 1. (क) प्रतिपत्तिः प्रतिमाणं वा पडिमा।
दशाश्रुतस्कन्ध-दशा, 6/8 की चूर्णि, पृ.-375 (ख) प्रतिमाभिः अभिग्रहविशेषभूताभिः। आचारचूला, 2/62 की टीका, 2. आभिधानराजेन्द्रकोश, भा. 5 . पृ. 332 3. समाधिओवहाणे य, विवेगपडिमाइया। पडिसंलीणा य तहा, एग विहारे य पंचमिया।।
दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति, गा.-46 4. दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति, 47-48 की चूर्णि, 5. आचारांगसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, 1/8/7/227 6. एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ तं जहा दंसणावय ......... __ समणभूए, आवि भवइ समाणाओ।
समवायांग -आगमसुत्ताणि, भा.-4, 11/19 7. इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ।
दशाश्रुतस्कन्ध, सं. दीपरत्नसागर, 6/35 8. कषायपाहुड, जयधवलाटीका, 9/130 9. रत्नकरण्डकश्रावकाचार, 1/137-147 10. विंशतिविंशिका, 10/1 11. कार्तिकेयानुप्रेक्षा, गा.-24, 27-29, 70-90 12. वसुनन्दिश्रावकाचार की भूमिका, पृ.-50 13. दशाश्रुतस्कन्ध, नवसुत्ताणि, 6/1-18 14. जैन, बौद्ध और गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक विवेचन
भा.-2, पृ.-319 15. दशाश्रुतस्कन्ध, नवसुत्ताणि, 6/8 16. उपासकाध्ययन, 821 17. वसुनन्दिश्रावकाचार, 205 18. (क) प्रश्नोत्तरश्रावकाचार, 12/4
(ख) लाटीसंहिता, 1/6 19. दशाश्रुतस्कन्ध, नवसुत्ताणि, 6/9