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उपधान तपवहन विधि का सर्वाङ्गीण अध्ययन ...411
42. वही, पृ.-9 43. वही, पृ.-10 44. वही, पृ.-9 45. वही, पृ.-9 46. वही, पृ.-9 47. (क) वही, पृ.-9 (ख)सप्तोपधानविधि, पृ.-19-20 48. (क) वही, पृ.-10 (ख) सप्तोपधानविधि, पृ.-20-21 49. सप्तोपधानविधि, पृ.-21 50. विधिमार्गप्रपा, पृ.-10 51. वही, पृ.-10 52. प्रव्रज्यायोगादिसंग्रह, पृ.-188-189
काले विणए बहुमाणे, उवहाणे तहा अनिन्हवणे। वंजण अत्थ तदुभए, अट्ठविहो होई नाणमायारो।।
(क) दशवैकालिकनियुक्ति, 3/88
(ख) निशीथसूत्र, संपा.- अमरमुनि, 1/8 53. 'सन्मार्ग' पत्रिका पर आधारित, सन्-2003, जुलाई अंक 54. उपधानतपक्रियादिसंग्रह, संपा.-प्रभाकरसागरजी, प्र.-4 55. वही, पृ.-7 56. उपधानविधि तथा पोसहविधि, संपा.-कंचनविजयगणि, पृ.-24-25 57. वही, पृ.-24-25 58. उपधानविधान, पृ.-12 59. (क) वही, पृ.21-24
(ख) उपधानविधि तथा पोसहविधि, पृ.-36 60. उपधानतपक्रियादिसंग्रह, पृ.-3 61. श्रुतार्थिनोपधानं यथाविधि विधेयम्। आचारप्रदीप, पृ-17 62. सन्मार्ग, सन् 2003, अंक-13 63. उद्धृत-सन्मार्ग, सन्-2003, अंक-13, पृ.93 64. पंचवस्तुक, गा.-589 65. आचाम्लादि योगविधान रूपस्योपधानस्यौपकरणैतिचारः ।