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बारहव्रत आरोपण विधि का सैद्धान्तिक अनुचिन्तन ...209
90. श्रावकप्रज्ञप्ति, गा.-321 91. रत्नकरण्डक श्रावकाचार, 109 92. कार्तिकेयानप्रेक्षा, गा.-57 93. उपासकदशा, गा. 718-19 94. योगशास्त्र, 3/85 95. उपासकदशा, 1/55 96. उपासकदशा-टीका, मुनि घासीलाल, पृ.261 97. उपासकदशा-टीका, आचार्य अभयदेव, पृ.46 98. श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-अणुव्रत, 12 99. पुरूषार्थसिद्धयुपाय, 168 100. उपासकाध्ययन, 735 101. योगशास्त्र, 3/87 102. लाटीसंहिता, 222 103. तत्त्वार्थसूत्र, 7/34 104. उपासकदशा, 1/56 105. प्रवचनसारोद्धार, गा.-263-86 106. उपासकदशा, मधुकरमुनि, प्रस्तावना, पृ.-21-22 107. चारित्रासारप्राभृत, 23 108. रत्नकरण्डक श्रावकाचार, 109. पद्मचरित, 14/184-185 110. आदिपुराण, 10/63 111. चारित्रप्राभृत, 24-25 112. पद्मचरित, 14/118-119 .113. तत्त्वार्थसूत्र, 7/21 114. रत्नकरण्डक श्रावकाचार, 67-91 115. हरिवंशपुराण, 18/46-47 । 116. श्रावकधर्मविधिप्रकरण, गा.9-11 117. अभिधानराजेन्द्रकोश, भा.-1, पृ.-417-418 118. उपासकदशा, मधुकरमुनि, 1/14 119. (क) स्थानांगसूत्र, 2/1/109
(ख) वही, 3/4/497