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________________ जैन गृहस्थ के प्रकार एवं उसकी धर्माराधना विधि ... 37 बार में त्रिकालदर्शन विधि की इतिश्री कर लेते हैं। विधि-अविधि की सम्यक जानकारी होने के बावजूद भी वर्तमान की महत्त्वाकांक्षाओं ने इतना व्यस्त और धनसंग्रह की बीमारी से ग्रस्त बना दिया है। कि वह धार्मिक-आराधनाओं को यन्त्रवत् सम्पन्न कर रहा है। श्रावकाचार और पर्यावरण व्यक्ति और पर्यावरण अन्योन्याश्रित हैं। व्यक्ति से पर्यावरण और पर्यावरण से व्यक्ति संप्रभावित होते हैं अतः व्यक्ति और पर्यावरण- दोनों की शुद्धता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आधुनिक विज्ञान का मानना है कि तृष्णा और लोभ से समग्र वातावरण दूषित होता है, जबकि पर्यावरण की सुरक्षा करना श्रावकाचार की पृष्ठभूमि है। श्रावकाचार से तात्पर्य है- अहिंसा, सत्य, अचौर्य, अपरिग्रह, मैत्री, दया, करूणा के मार्ग को स्वीकार करना तथा मद्य-मांसादि अभक्ष्य पदार्थों के सेवन का त्याग करना। प्रदूषण मुक्ति का सर्वोत्तम उपाय है- 'सादा जीवन उच्च विचार | ' व्यक्ति की मानसिक मलीनताएँ ही उसके आस-पास के वातावरण को प्रदूषित करती हैं और उसकी स्वयं की सुंदर भावनाएँ ही उसके आस-पास के पर्यावरण को स्वच्छ बनाती हैं। यही कारण है कि धार्मिक - आराधनाएँ उत्तम स्थलों पर की जाती हैं। धार्मिक स्थलों की अपेक्षा घर पर की जाने वाली साधनाओं में मन अधिक अस्थिर और चंचल रहता है। इसका मूल कारण वातावरण की अपवित्रता है। वातावरण का सही निर्माण व्यक्ति की जीवनशैली पर आधारित है। जीवन शैली को सर्वोत्तम एवं सर्वोत्कृष्ट बनाने हेतु श्रावकाचार की भूमिका पर आरूढ़ होना प्रत्येक के लिए अनिवार्य है । जैन ग्रन्थों का अध्ययन करने से सुस्पष्ट होता है कि जैनाचार्य पर्यावरण की समस्या से भलीभाँति परिचित थे और प्रदूषण की संभावनाएँ उनके सामने थीं, इसीलिए उन्होंने सबसे पहली व्यवस्था इस प्रकार की, जिससे व्यक्ति यतनापूर्वक चले, यतनापूर्वक बैठे, यतनापूर्वक बोले, यतनापूर्वक सोए। इस प्रकार की संयमित जीवन शैली द्वारा व्यक्ति पापकर्मों के दूषण एवं पर्यावरण के प्रदूषण दोनों से अपना संरक्षण कर सकता है।
SR No.006240
Book TitleJain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, C000, & C999
File Size37 MB
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