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________________ पुंसवन 4 सीमन्तोन्नयन 5 जातकर्म 6 नामकरण 7 चूड़ाकर्म 8 अन्नप्राशन 9 उपनयन 10 समावर्तन 11 अन्त्येष्टि वाराह गृह्यसूत्र 1 जातकर्म 2 नामकरण 3 दन्तोद्गमन 4 अन्नप्राशन 5 चूडाकर्ण 6 उपनयन 7 वेद व्रतानि 8 गोढान 9 समावर्तन 10 विवाह 11 गर्भाधान 12 पुंसवन 13 सीमन्तोन्नयन संस्कारों का मूल्य और उनकी अर्थवत्ता... 29 3 पुंसवन 3 पुंसवन 4 सीमन्तोन्नयन 4 सीमन्तोन्नयन 5 जातकर्म 5 जातकर्म 6 नामकरण 7 निष्क्रमण 8 अन्नप्राशन 9 चूड़ाकर्म 10 उपनयन 11 केशान्त 12 समावर्तन 13 अन्त्येष्टि वैश्वानस गृह्यसूत्र 51 1 ऋतुसंगमन 2 गर्भाधान 3 सीमान्त 4 विष्णुबलि 5 जातकर्म 6 उत्थान 7 नामकरण 8 अन्नप्राशन 9 प्रवसागमन 10 पिण्डवर्धन 11 चौलक 12 उपनयन 13 पारायण 14 व्रतबन्धविसर्ग 15 उपाकर्म 16 उत्सर्जन 17 समावर्तन 6 नामकरण 7 उपनिष्क्रमण 8 अन्नप्राशन 9 चूड़ाकर्म 10 कर्णवेध 11 उपनयन 12 समावर्तन 13 पितृमेध खादिर गृह्यसूत्र 2 1 विवाह 2 गर्भाधान 3 पुंसवन 4 सीमन्तोन्नयन 5 निष्क्रमण 6 नामकरण 7 चौलम् 8 उपनयन (गोभिलपुत्रकृत गृह्यसंग्रह) 1 गर्भाधान 2 पुंसवन 3 सीमन्तोन्नयन 4 जातकर्म 5 नामकरण 6 अन्नप्राशन
SR No.006239
Book TitleJain Gruhastha Ke 16 Sanskaro Ka Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages396
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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