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________________ सूर्य-चन्द्र दर्शन संस्कार विधि ...87 सूर्य-चन्द्र दर्शन संस्कार में उपयोगी मुख्य सामग्री ___ यह संस्कार सम्पन्न करते समय कौन-कौनसी वस्तुएँ अनिवार्य रूप से उपयोग में आती हैं? इस सम्बन्ध में श्वेताम्बर परम्परा के आचारदिनकर में अवश्य उल्लेख मिलता है किन्तु दिगम्बर एवं वैदिक-परम्परा में तत्सम्बन्धी कोई विवरण प्राप्त नहीं होता है। __ आचारदिनकर14 में इस संस्कार हेतु सूर्य और चन्द्र की मूर्ति, इनकी पूजासामग्री, जिन प्रतिमा की स्नात्रोपयोगी सामग्री, एक पवित्र कक्ष आदि वस्तुओं को जरूरी माना हैं। सूर्य-चन्द्र दर्शन संस्कार विधि का साहित्यिक स्वरूप श्वेताम्बर-आचारदिनकर में चतुर्थ संस्कार की विधि इस प्रकार वर्णित है15 • सर्वप्रथम शिशु के जन्म के तीसरे दिन गृहस्थ गुरु समीपस्थ गृह में अर्हत्-पूजन करे। • फिर जिन प्रतिमा के आगे स्वर्ण, ताम्र या रक्त चंदन की सूर्य प्रतिमा को स्थापित करे। उसके बाद शरीर शुद्धि की हुई माता को बालक सहित सूर्य के सम्मुख लेकर जाए और वेद मंत्र का उच्चारण करते हुए माता एवं पुत्र को प्रत्यक्ष रूप से सूर्य के दर्शन कराए। सूर्य दर्शन करवाने का मन्त्र निम्न है - ___“ॐ अर्हम् सूर्योऽसि, दिनकरोऽसि, सहस्र किरणोऽसि, विभावसुरसि, तमोऽपहोऽसि, प्रियंकरोऽसि, शिवंकरोऽसि जगच्चक्षुरसि, सुरवेष्टितोऽसि, मुनिवेष्टितोऽसि, विततविमानोऽसि, तेजोमयोऽसि, अरूणसारथिरसि, मार्तण्डोऽसि, द्वादशात्मासि चक्रवान्धवोऽसि, नमस्ते भगवन् प्रसीदास्य कुलस्य तुष्टिं पुष्टिं प्रमोदं कुरू कुरू सन्निहितो भव अहम् ।” . • इस प्रकार मंत्रोच्चारण पूर्वक सूर्य के दर्शन करने के बाद माता शिशु सहित गृहस्थ गुरु को प्रणाम करे। • गुरु आशीर्वाद दे। • तदनन्तर गुरु अपने स्थान पर आकर जिन प्रतिमा के समक्ष स्थापित सूर्य प्रतिमा को विसर्जित करे। सूतक होने के कारण माता और शिशु को वहाँ नहीं ले जाते हैं। • उसी दिन संध्याकाल के समय अन्य कक्ष में गृहस्थ गुरु जिनप्रतिमा की पूजा करके उनके समक्ष स्फटिक, चांदी या चन्दन की चन्द्र प्रतिमा को स्थापित करे तथा चन्द्र प्रतिमा का शांतिक-पौष्टिक कर्म आदि करे। फिर चन्द्र के उदय
SR No.006239
Book TitleJain Gruhastha Ke 16 Sanskaro Ka Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages396
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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