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विषयानुक्रमणिका
पृ० सं० भूमिका
___v-ix प्रस्तावना
x-xvlil प्रस्तुत शोष विषय का महत्त्व, प्रस्तुत शोध विषय पर साहित्यिक मूल्याङ्कन की प्रपूर्णता पर एक विहग दृष्टि, प्रस्तुत शोधकार्य की
प्रेरणा, प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध का संक्षिप्त परिचय एवं प्राभारप्रदर्शन । प्रथम अध्याय-महाकविज्ञानसागर का जीवन वृत्तान्त
१-१७ महाकवि ज्ञानसागर की जन्मस्थली, माता-पिता, शिक्षा-दीक्षा, कार्यक्षेत्र, प्रमुख शिष्य-मुनि श्री विद्यासागर, ब्रह्मचारी श्री लक्ष्मीनारायण, श्री १०८ श्री विवेकसागर, क्षुल्लक श्री स्वरूपानन्द तथा ब्रह्मचारी श्री जमनालाल, महाकविज्ञानसागर को प्राचार्य पद की प्राप्ति, महाकवि को चारित्र चक्रवर्ती पद की प्राप्ति, महाकविज्ञानसागर का त्याग,
सल्लेखना एवं समाधिमरण । द्वितीय अध्याय-महाकविज्ञानसागर के संस्कृत-काव्यग्रन्थों के संक्षिप्त कथासार
१८-५८ जयोग्य महाकाव्य का संक्षिप्त कथासार, वीरोदय महाकाव्य का संक्षिप्त कथासार, सुदर्शनोदय महाकाव्य का संक्षिप्त कथासार, श्रीसमुद्रदत्तचरित्र महाकाम्य का संक्षिप्त कथासार, दयोदयचम्पू का
संक्षिप्त कथासार एवं मुनिमनोरञ्जनशतक का संक्षिप्त कथासार । तृतीय अध्याय-वहाकविज्ञानसागर के संस्कृत काव्य-प्रन्थों के स्रोत . ५६-११५
काव्य स्रोत : एक सामान्य चिन्तन, कविवर ज्ञानसागर और उनके काव्य-स्रोत, जयोदय महाकाव्य के कथानक का स्रोत-महापुराण (मादिपुराण भाग-२), मूलकथा में परिवर्तन और परिवर्धन, वीरोदय महाकाव्य के कथानक के स्रोत-महापुराण (उत्तरपुराण), मूलकथा में परिवर्तन भोर परिवधन, सुदर्शनोदय महाकाव्य के कथानक का स्रोत-बृहत्कथाकोश में वरिणत सुभग गोपाल के कथानक का सारांश, पुण्यास्रव कथाकोश में परिणत सुभगगोपालचर सुदर्शन सेठ कपा का सारांश, ब्रह्मचारी नेमिदत्त विरचित माराधना कथाकोश में वरिणत