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________________ महाकवि ज्ञानसागर का वर्णन कौशल कवि अपने काव्यों में कुछ पदार्थों का साङ्गोपाङ्ग वर्णन करता है। यह वर्णन काव्य का प्रत्यन्त अनिवार्य अङ्ग है। यहाँ कुछ प्रश्न उठते हैं कि पदार्थों के इतने वर्णन की प्रावश्यकता क्या है ? क्या पदार्थों का उल्लेख मात्र होने से काम नहीं चल सकता? क्या इस वर्णन के कारण हम प्रसंग से दूर नहीं हो जाते ? इन प्रश्नों का उत्तर है कि यदि केवल कथा-प्रवाह को ही ध्यान में रखकर पदार्थ का नाममात्र के लिये उल्लेख कर दिया जाय, तो इतिहास और काव्य में क्या अन्तर होगा, पौर यदि इन पदार्थों का साङ्गोपाङ्ग वर्णन रोचक न हो तो ऐसे पदार्थ-वर्णन को काव्य के स्थान पर भूगोल की संज्ञा देनी होगी। कवि का काव्य इतिहास पौर भूगोल से सर्वथा भिन्न, पाठक के हृदय में शीघ्र प्रानन्दोत्पत्ति के लिए होता है । प्रतः यह प्रावश्यक है कि कवि जिस पदार्थ का भी वर्णन करे, वह उस पदार्थ की प्रायः सभी विशेषताओं से युक्त भी है और रोचक भी। ___ उदाहरणस्वरूप यदि काव्य में इतना लिख दिया जाय कि अमुक राजकुमार अमुक नदी-तीर या अमुक नगर में गया, मोर इन नदी-तीर या नगर इत्यादि की विशेषतामों का उल्लेख न हो तो सहृदय सामाजिक सोचेगा कि राजकुमार उन-उन स्थलों पर क्यों गया ? उसके हृदय में पाए हुए इस प्रश्न का उत्तर है कि राजकुमार नदी-तीर की जनशून्यता, गोपनीयता, प्राकृतिक सुन्दरता, शीतलता और पतिव्रता से प्राकृष्ट होकर उस नदी-तीर पर गया होगा। प्रथवा अपने दुःखी मन को शान्त करने के लिए नदी-तीर पर भ्रमण करने की उसकी इच्छा होगी। इसी प्रकार राजकुमार किसी नगर में इसलिए गया क्योंकि उसके हृदय में अत्यन्त वैभवपूर्ण नगर को देखने की चाह थी, वह नगर युद्धस्थल होने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है, एक धार्मिक-स्थल भी हो सकता है, उस नगर और अपने नगर के बीच में व्यापारिक या राजनैतिक सम्बन्ध भी लाभदायक हो सकते हैं। उस नगर के वकृतिक-स्थल इतने प्राकर्षक हैं कि फिर-फिर उन्हें देखने की इच्छा होती है। इसलिए कवि इन पदार्थों का विस्तृत एवं रोचक वर्णन करता है तो सहृदय सामाजिक के हृदय में उठे हुए प्रश्नों का उत्तर भी मिल जाता है। इन वर्णनों के
SR No.006237
Book TitleGyansgar Mahakavi Ke Kavya Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Tondon
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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