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________________ 卐 筑 7. मुनि मनोरञ्जनाशीतिः इस काव्य में उपदेशात्मक शैली प्रयुक्त की गई है। दिगम्बर मान्यतानुसार श्रमणों की पवित्र चर्या का वर्णन किया गया है। तथा वर्तमान काल की भी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आगमानुकूल श्रमण चर्या को सुरक्षित रखा गया है । यह काव्य साधु सन्तों के लिए प्रतिदिन पाठ करने योग्य है । आर्यिकाओं की चर्या का वर्णन भी इसमें समाविष्ट किया गया है । साधु के प्रवृत्तिपरक मार्ग को प्रदर्शित करते हुए निवृत्ति पर बढ़ने हेतु इस काव्य में विशेष जोर दिया गया है । इस काव्य में 80 पद्य है । यह काव्य आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज द्वारा दीक्षा के पूर्व लिखा गया था । उस समय आपका नाम ब्रह्मचारी पंडित भूरामल शास्त्री था । 8. भक्ति संग्रह लगभव 2000 वर्ष पूर्व आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी द्वारा 10 भक्तियाँ प्राकृत भाषा में लिपिबद्ध की गई थीं। उसके बाद पूज्यपाद स्वामी द्वारा संस्कृत भाषा में 10 भक्तियाँ लिखी गईं। इसके बाद किसी भी आचार्य द्वारा 10 भक्तियों को लिखने का उल्लेख मुझे देखने में नहीं आया। 20वीं शताब्दी के महाकवि आचार्य ज्ञानसागर महाराज ने संस्कृत पद्यों में भक्तियों की रचना करके प्राचीन परम्परा को पुनर्जीवित किया है । 6 श्लोकों में सिद्ध भक्ति, 5 श्लोकों में श्रुत- भक्ति, श्लोकों में चरित्र - भक्ति, 6 श्लोकों में आचार्य - भक्ति, 5 श्लोकों में योगि भक्ति, 5 श्लोकों में परमगुरु - भक्ति, 5 श्लोकों में चतुर्विंशति तीर्थकर भक्ति, 5 श्लोकों में शांति - भक्ति, श्लोकों में समाधि भक्ति, 6 श्लोकों में चैत्य भक्ति, 22 श्लोकों में प्रतिक्रमण भक्ति, 4 श्लोकों में कायोत्सर्ग भक्ति, ये भक्तियाँ पूर्व भक्तियों की अपेक्षा सरल एवं कम श्लोक से ही पूर्ण भावभिव्यक्ति व्यक्त करती है । जैन दर्शन में साधुओं की दैनिक आवश्यक क्रियाओं में यह भक्तियाँ अवश्य ही प्रयोग करनी पड़ती है । लेखक ने नन्दीश्वर एवं निर्माण भक्ति की रचना नहीं की हैं। प्रतिक्रमण एवं कायोत्सर्ग भक्ति की रचना एक नवीन प्रस्तुतीकरण कहा जा सकता है । यह ग्रन्थ भी आचार्य ज्ञानसागर जी के द्वारा रचित है ( श्रमण अवस्था ) + 筑 卐
SR No.006237
Book TitleGyansgar Mahakavi Ke Kavya Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Tondon
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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