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________________ महाकवि ज्ञानसागर को पात्रयोजना १७७ उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि कपिला नारीजाति के लिए कलंक के समान है। उसमें कामुकता, निर्लज्जता, धूर्तता, प्रतिशोध की भावना, चंचलता और मज्ञानता इत्यादि सभी दुगंण विद्यमान हैं। पण्डिता दासी यह रानी प्रभयमती को दासो है । यह परमबुद्धिमती, प्राज्ञाकारिणी पौर स्वामिभक्त है । अवमर पाने पर यह अच्छे से अच्छा और बुरे से बुरा काम कर सकती है, बस रानी को प्रज्ञा होनी चाहिए। सुदर्शन को पाने के लिए व्याकुल रानो की मानसिक वेदना को यह नहीं सह पाती, और शीघ्र ही उसके दुःख का कारण भी पूछती है। प्रभयमती को वास्तविकता का ज्ञान होते ही यह उसे समझाती है । अपनी बातों से यह रानी को प्रबुद्ध करना चाहती है. इसे अपनी स्वामिनी के पद की प्रतिष्ठा का बहुत ध्यान है। स्वामिनी को समझाने के लिए दासी होते हुए भी सीता जैसी स्त्रियों के पातिव्रत्य धर्म का परिचय देकर पाठक को स्वामिनी के प्रति अपने हितचिन्तन का परिचय देती है । बुद्धिमती ___ जब यह देखती है कि इसके वचनों का रानी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, तब यह पुनः रानी को समझाती है। उसे सुदर्शन के यश का भी ज्ञान है। साथ ही परपुरुष और परस्त्री के प्रति दृष्टिपात को उसी प्रकार समझती है, जैसे कि कोई कुत्ता जूठे भोजन को खाये ।' स्वामिभक्त अन्त में स्वामिनी के दुराग्रह पर प्रपने अस्तित्व का भी स्मरण करती है कि वह रानी की दासी है, उपदेशिका नहीं। इसलिए अपनी उपदेशात्मक प्रवृत्ति को छोड़कर स्वामिभक्त सेवक का रूप धारण करती है और पूजा हेतु मिट्टी के पुतले लाने के बहाने वह सदर्शन को श्मशान से उठा लाने की योजना बनाती है। पौर एक दिन उठा भी लाती है। 3 पूर्त जब रानी अपनी चेष्टा में असफल हो जाती है, तब वह पुनः पण्डितादासी से सुदर्शन को वहां से हटाने का उपाय पूछती है। तब हृदय से दुःखी पण्डितादासी रानी से 'त्रियावरित्र' दिखाने को युक्ति प्रयोग में लाने को कह देती है। उसकी यह युक्ति भी काम कर जाती है और सुदर्शन के प्राणों पर बन पाती है। १. सुदर्शनोदय, ६। क्लोक २५ के बाद का गोत । २. वही, ६।१६ मोर उसके बाद का गीत । ३. वही, ७८, १६ ४. वही, ७।३३।३६
SR No.006237
Book TitleGyansgar Mahakavi Ke Kavya Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Tondon
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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