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________________ महाकवि ज्ञानसागर के संस्कृत-काव्य-ग्रन्थों के स्रोत वर्णन से किया गया है।' इसके विपरीत 'वीरोदय' में कथा का प्रारम्म कुण्डनपुर नगर-वर्णन से किया गया है। इसमें पूर्वजन्मों का वर्णन बाद (ख) 'महापुराण' में भगवान् महावीर के पूर्वजन्मों का जितने विस्तार से वर्णन किया गया है, उतने विस्तार से 'वीरोदय' में नहीं किया गया है। (ग) 'महापुराण' में पूर्वजन्मों की कथा पुरुरवा भील के भव से प्रारम्भ की गई है, जिसमें भील का पूर्ण परिचय दिया गया है।५ 'वीरोदय' में पूर्वजन्मों की कथा के वर्णन में ऋषभदेव के पौत्र मरीचि के जन्म का सर्वप्रथम उल्लेख है। (घ) 'महापुराण' में वरिणत भगवान् महावीर के जटिल, ब्राह्मण, सौधर्म स्वर्ग का देव, पुष्यमित्र ब्राह्मण, सौधर्म स्वर्ग का देव, अग्निसह नामक ब्राह्मण, स्वर्ग का सात सागर की प्रायु वाला देव, मग्निमित्र ब्राह्मण, माहेन्द्र स्वर्ग का देव, · भरद्वाज ब्राह्मण और माहेन्द्र स्वर्ग का सात सागर की मायु वाला देवइन दस भवों का वर्णन 'वीरोदय' महाकाव्य में नहीं किया गया है। (ङ) 'महापुराण' में वर्णित भगवान् के २३वें सिंह भव में उनको उपदेश देने वाले मुनियों का नाम प्रतिजय और अमितगुण बताया गया है। 'वीरोदय' में मुनि के नाम का उल्लेख नहीं है । (च) 'महापुराण' में बताया गया है कि यह सिंह मरकर सौधर्म स्वर्ग में सिंहकेतु नाम का देव हुमा, किन्तु वीरोदय में स्वर्ग एवं देव का नामोल्लेख नहीं है। (छ) 'महापुराण' में महावीर की माता प्रियकारिणी द्वारा देखे गये सोलह स्वप्नों का उल्लेख नहीं है, और इसका कारण यह है कि 'महापुराण' के रचयिता ने ऋषभदेव के जन्म-प्रसंग में ही तीर्थङ्कर की माता को दिखाई देने वाले स्वप्नों १. गुणभद्राचार्य विरचित महापुराण (उत्तरपुराण), ७४।१५-१६ २. वीरोदय, २।२१ ३. महापुराण (उत्तरपुराण), ७४।१-२५० ४. वीरोदय, ११।१-३६ ५. महापुराण (उत्तरपुराण), ७४-१५-२२ ६. वीरोदय, ११८ ७. महापुराण (उत्तरपुराण), ७४१६८-८० ८. वही, ७४।१७३ ६. वही, ७४१२१६
SR No.006237
Book TitleGyansgar Mahakavi Ke Kavya Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Tondon
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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