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________________ ३२६ अपभ्रंश-साहित्य इसके अतिरिक्त कृपणों के प्रति व्यंग्य (८.४.४१९) दान की प्रशंसा (८.४.४२२), इन्द्रिय निग्रह (८.४.४२७) सज्जन प्रशंसा (८.४.४२२) आदि विषयों पर भी पद्य मिलते हैं। __ कुमारपाल चरित के ८ वें सर्ग में प्राप्त अपभ्रंश पद्यों का ऊपर निर्देश किया जा चुका है, इनमें धार्मिक उपदेश भावना ही प्रधान है। जैसे "गिरिहेवि आणिउ पाणिउ पिज्जइ तरहॅवि निवडिउ फलु भक्खिज्जइ। गिरिडंव तरुहुंव पडिअउ अच्छइ, विसहि तहवि विराउ न गच्छइ ॥" (८.१९) "जम्वइ तेम्वइ करुण करि, जिम्वे तिम्व आचरि धम्म। जिहविहु तिहविहु पसमु धरि, जिध तिध तोडहि कम्मु ॥ दृष्टान्त और अप्रस्तुत विधान के लिए मानव जीवन से संबद्ध उपमानों का प्रयोग अनेक पद्यों में मिलता है। जैसे-- "जइ केवइ पावीसु पिउ अकिआ कुड्ड करीसु। पाणीउ नवइ सरावि जिवें सव्वंगें पइसीसु ॥ (हे० प्रा० व्या० ८.४.३९६) अर्थात् यदि प्रियतम मिल जाय तो मैं अकृतपूर्व कौतुक करूँ। जिस प्रकार पानी मट्टी के सकोरे में समा जाता है उसी प्रकार मैं भी सर्वांग रूप से उस में समा जाऊँ। चन्द्र के बादल में छिप जाने के कारण की सुन्दर कल्पना निम्नलिखित पद्य में मिलती है "नव-वह-दसण-लालसउ वहइ मणोरह सोइ। ओ गोरी-मुह-निज्जिअउ बद्दलि लुवकु मियंकु ॥ (वही ८.४.४०१) इसी प्रकार कवि ने एक स्थान पर राम और रावण में उतना ही अन्तर बताया है जितना ग्राम और नगर में (८.४.४०८) । ___ हेमचन्द्र द्वारा उद्धृत पद्यों में से प्राकृत व्याकरण और छन्दोऽनुशासन के पद्यों की भाषा में समानता नहीं है। इस भाषा-विषमता के कारण कल्पना की गई है कि कुछ पद्य उनके अपने हैं और कुछ अन्य कवियों के, जो यथास्थान उदाहरण रूप से प्रस्तुत किये गये हैं। सोमप्रभाचार्य-सोमप्रभाचार्य (११९५ ई०) कृत कुमारपाल प्रतिबोध में कवि ने वसन्त का (पृष्ठ ३८), शिशिर का (पृष्ट १५९), मधु समय (पृष्ठ ३५१)। और ग्रीष्म समय का (पृष्ठ ३९८) वर्णन किया है। ___वसन्त में कोकिल का आलाप, वन-श्री का सौन्दर्य और सहकार मंजरियों पर भ्रमर की गुंजार वर्णित है । वर्णन में प्राचीन परिपाटी होते हुए भी नवीनता है। शीतकाल में शीतनिवारण के लिये स्त्रियों ने शरीर पर घना कस्तूरी का अंगराग लगाया है।
SR No.006235
Book TitleApbhramsa Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarivansh Kochad
PublisherBhartiya Sahitya Mandir
Publication Year
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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