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________________ अपभ्रंश मुक्तक काव्य – १ बंभाण । "अह हरु पुज्जहु अहव हरि, अह जिण अह सुप्पउ भणें रे जोइयहु, सव्वहं भाउ वाणु ॥५७॥ कवि ने सरल भाषा में सुन्दर रूपकों द्वारा भाव को अभिव्यक्त किया है । इंद्रियचोरों से धर्म-धन की रक्षा का आदेश दिया है ( पद्य ५४ ) । माया - निशा में मन चोर से जिसने आत्म-रक्षा की वह निर्मल ज्ञान -प्रभात प्राप्त करता है"मण चोरह माया-निसिहि, जिय रखहि अप्पाणु । जिम होही सुप्पउ भणई, गिम्मलु णाणु-विहाणु" ॥४२॥ कवि ने घर, गृहिणी, सखि, बंधु बांधव को रंगस्थली बताया है जिसमें मोह-नट मनुष्यों को नाना रूप में नाच नचाता है "एहु घरि घरिणि एहु सहि, एहु मोह नडावउ माणुसहं, नच्चाव गिहरंग | बहुभंगि” ॥७६॥ कवि का हृदय दुःखातुर मानव के लिए विक्षुब्ध था । उसने बंधु बांधवों के मोह को छोड़कर परमात्मा के ध्यान में लीन हो जाने की अति मार्मिकता से व्यंजना की है । afa के निम्नलिखित दोहे अत्यन्त हृदयस्पर्शी हैं "हिवडा संवरि अपउ अजरामर धाडी, मुव करिवि, पच्छ बंघउ वि आवे अहं कोई | रोइ ॥ १४ ॥ २८१ हृदय से दुःख शोक को दूर करो। मरने पर क्या फिर कोई लौट कर आ सकता है ? अपने आप को अजर अमर करो जिससे तुम्हारे पीछे अन्य रोयें । "जिम झाझ (इ) ज्जइ वल्लहउ, तिम जइ जिय अरिहंतु । सुप्पउ भणई माणसहं, सुगु घरंगणि हुंतु " ॥९॥ जैसे निज वल्लभ का ध्यान किया जाता है वैसे ही यदि अर्हत का ध्यान किया जाय तो सुप्रभ कहते हैं कि मनुष्यों के लिए घर के आंगन में ही स्वर्ग हो जाय । संसार अस्थिर है, परिवर्तनशील है, इसमें कोई किसी का साथी नहीं, इस भाव की अतीव मार्मिकता से निम्नलिखित दोहों में व्यंजना की गई है— "रे हियडा सुप्पउ भगई, कि न फुट्टहि रोवंतु । पिउ पछेहि मसाण ड, एकल्लउ तु" ॥७१॥ तु" ॥६२॥ "जेहिं जि जयणिहिं वल्लहउ, दीसई रज्जु पुण तेणजि सुप्पउ भई, सह दीes अर्थात् जिन आँखों से वल्लभ को राज्य करते देखा फिर उन्हीं आँखों से स्वयं उसे जलते देखा । करंतु । 2 "मुवउ मसाडि ठवेवि लहु, बंधव णियघर वर लक्कड सुप्पउ भणई, जे जंति । डज्ांति" ॥१०॥ सरिसा मरे हुए को शीघ्र ही बंधु बांधव श्मशान में रख कर घर लौट जाते हैं । सुप्रभ कहते हैं कि वे लक्कड़ ही भले जो साथ ही जल जाते हैं ।
SR No.006235
Book TitleApbhramsa Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarivansh Kochad
PublisherBhartiya Sahitya Mandir
Publication Year
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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