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अद्भुत स्मरणशक्ति दर्शावी हती. गुजराती भाषामांनो अभ्यासक्रम के जे पूरो करवाने छ वर्ष लागतां हतां ते तेमणे बे वर्षनी अंदर पूरी 'को. लेमना शिक्षको तेमने बुद्धि अने स्मरणशक्ति विषये असाधारण लेखता. घणीज नानी उमरथीज तेमने कविता प्रत्ये अनुराग हतो. नव वर्षनी वयमा तेमणे पद्यमां नाना रामायण अने महाभारत लख्यां हता. बार वर्षनी वयमा त्रण दिवसमां घटिकायंत्रपर त्रणसो वृत्त लख्या हता. आ दर्शावे छे के श्रीमद् आजन्मसिद्ध कवि हता. तेमणे केटलाक मासिक अने जाहेर वर्तमानपत्रोमां लखाण लखवा मांड्यां हता, अने स्त्रीकेळवणीनी उपयोगिता उपर एक निबंध लख्यो हतो.. तेर वर्षनी उमरे तेओ इंग्लिश भाषानो अभ्यास करवा राजकोट गया १४ के. १५ वर्षनी उमरे तेओए मोरबी जइ मित्रमंडळ पासे अष्टा, वधान (एकी वखते आठ बाबतोमा चित्त राखवानी क्रिया) कर्या. पछी आठमाथी बार अवधान करवानी शक्ति वधारी अने पछी ते बार अवधानो प्रजा समक्ष कर्या. तेमणे धीमे धीमे पोतानी स्मरण: शक्ति एटला बधा प्रमाणमां वधारी के बारमांथी सोल अवधान कर्या, सोळमाथी बावन अवधान कयां अने अंते सो अवधान को, अने आवी रीते ओगणीस वर्षनी उमरे तेओ शतावधानी कवि थया. तेओए मुंबई जइ पोतानी शतावधान करवानी शक्ति फरामजी कावसजी इन्स्टिटचट अने अन्य स्थळोए प्रजा सन्मुख करी बतावी. आ आश्चर्यभूत स्मरणशक्तिनी क्रियाओथी तेमने प्रजाए सुवर्णचंद्रक (चांद) आप्यो अने 'साक्षात् सरस्वति 'नुं विरद आपवामां आव्यु. प्रसिद्ध सुधारक मि. मलबारीए उपरोक्त शतावधानक्रिया जोई पोताना. पत्र नामे 'इन्डिअन स्पेकटेटर'मां ते विषये घणोज स्तुतिप्रदर्शक लेख लख्यो अने तेमां श्रीमद्ने " बुद्धि अने स्मरणशक्ति अद्भुत रीते धरावनार" (a prodigy of intellect and memory ) कह्या. आ पछी थोडाक वखतमा मुंबईनी हाईकोर्टना मुख्य न्यायमूर्ति सर चार्ल्स