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________________ आगम (४२) “दशवैकालिक - मूलसूत्र-३ (नियुक्ति:+|भाष्य +चूर्णि:) अध्ययनं [७], उद्देशक [-], मूलं [१५...] / गाथा: [२७८-३३४/२९४-३५०], नियुक्ति: [२७१-२९३/२६९-२९२], भाष्यं [६२...] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र - [४२], मूलसूत्र - [०३] “दशवैकालिक नियुक्ति: एवं जिनदासगणि-रचिता चूर्णि: प्रत सूत्रांक [१५...] गाथा ||२७८३३४|| श्रीदश ४ सिया जहा एतमि नगरे दस दारगा मया, तत्थ कयाइ अहिमा ऊणा वा होज्जा एवमादी विगतमीसिया, उप्पनविगतमीसिया ४॥ सत्यावैकालिक दिनहा एतम्मि नगरे दस दारगा जाया दस मया, तरथ कदाइ ऊणा अहिगा वा होज्जा एवमादी उप्पण्णाविगतमीसिया, जीव-दाम्पाभदा। चूर्णी मिस्सिया जहा काह किमिरासिं दइट्टण भणज्जा-अहो जीवरासिचि जण सब्बे जीवंति, तत्थ जे जीवंति तेसु सच्चा,जे मया ७वाक्य तेसु मोसा भवइ, अतो जीवमिस्सिया भण्णइ, अजीवमिस्सिया जहा तमेव किमिरासिं पायसो मयं पासिऊण भणेज्जा-अहो शुद्धि अन इमे सम्बे मया, तत्थ के जीवंति, जे ण जीवंति तेसु सच्चा, जे जीवंति तेसु मोसा, अओ अजीवणिस्सिया भण्णइ, जीवाजीवमि स्सिया जहा मयाण अमयाणं च रासि दट्टण भणेज्जा, जहा-सम्बो एस रासी जीवइ मोबा, एवमादि, अणतमीसिया जहा कोइमलगणछोटे दहणं अथवा किंचि तारिस भणेज्जा-जहा-सब्बो एस अणंतकायोति,तस्स मूलपचाणि जिण्णत्तणेण परिभूयाणि,केवलं तु जलसिंचणगुणेण केइ तस्स किसलया पाउम्भूता, अओं अर्णतपरित्तचेण मिस्सिया भण्णइ, परितमीसिया जहा अभिनवउक्खये मूलग कोवि परिमिलाणंतिकाऊण भणेज्जा जहा सव्यो एस परिचो, तत्व अंता परित्तीभ्या मज्झपएसो अणंतो चेब, एसा परितमीसिया, अद्धामीसिया नाम अद्धा कालो भण्णइ, सो य रायि वा होज्जा दिवसो वा तत्थ बट्टमार्ण काल अणागएण कालेण सह मिस्सीकरेइ, जहा कोयि पंथं बच्चमाणो थेवावसेसे दिवसे सेहए भणइ, जहा-तुरियमागच्छह, ण ता पेच्छह इम कालिय रति एवमादि अद्धामीसा भण्णइ, अद्धद्धामीसिया नाम तेसिं चेच दिणरातीण एगदेसो अवद्धा भण्णइ, तं बढमाणं कालं अणागतकालेण सह मीसीकरेइ जहा पुचपोरिसीए भण्णाइ-मज्झण्हीभूतं तहावि बर्य न झुंजामोति एवमादि अद्धामीसिया, ४ ॥२३८॥ सच्चामोसा गता। इवाणिं असच्चमोसा भण्णा, सा नेव सच्चा व मोसा, केयलं ययणमेव, सा दुवालसविहा दोहिं | Wiciaeo ॥२३८॥ दीप अनुक्रम [२९४३५०] [243]
SR No.006205
Book TitleAagam 42 Dashvaikalik Choorni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages387
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size33 MB
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