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________________ १४८ जयोदय महाकाव्य का शैलीवैज्ञानिक अनुशीलन काशी आते हैं। वे सभी काशी नरेश के प्रासाद में ठहरते हैं और स्वयंवर समारोह के पूर्व रात्रि में विचार विमर्श करते हैं कि ऐसा कौन सा उपाय किया जावे जिससे सुलोचना अपने स्वामी अर्ककीर्ति के गले में वरमाला पहना दे । तभी दुर्मर्षण कहता है - आप लोग भगवान् ऋषभदेव का स्मरण करें । मैं ऐसा उपाय करूंगा जिससे सुलोचना स्वयं ही अपने स्वामी अर्ककीर्ति के गले में वरमाला पहना देगी । "बुद्धिमानों के लिए कौन सा कार्य असाध्य है?" (धीमतामपि पिया किमसाध्यम्) - तत्करोमि किल सा सहजेनारोपवेदिभुगले तदनेनाः । चिन्तयेत पुरुमित्यभिराध्यं धीमतामपि पिया किमसाव्यम् ॥ ४/३३ सूक्तियों के द्वारा वस्तुस्थिति का समर्थन भी समुचित रीति से किया गया है - जयकुमार द्वारा युद्ध में पराजित अर्ककीर्ति विचारता है कि मैं जयुकमार को जीतना चाहता हूँ पर जब वह आज युवावस्था में ही मुझसे नहीं जीता गया तो फिर कब जीता जा सकेगा ? "जब यौवन में ही क्षयरोग हो जाये तो वृद्धावस्था में उससे मुक्त होकर सुखी होने की आशा व्यर्थ है।" (यदि तरुणिमा क्षयदो जायते जरसि किं पुनः सुखायते) - . यमय जेतुमितः प्रविचार्यते स जय आश्वपि दुर्जय आर्य ते । तरुणिमा क्षयदो यदि जायते जरसि किं पुनरत्र सुखापते ॥ ९/२२ उक्त उदाहरणों से यह तथ्य भली भाँति दृष्टिगत होता है कि कवि ने सिद्धान्तों की पुष्टि, मानव व्यवहार, जीवन और जगत् की घटनाओं के समाधान तथा उपदेश और आचरण विशेष के औचित्य की सिद्धि द्वारा अभिव्यक्ति को प्रभावशाली बनाने के लिए लोकोक्तियों और सूक्तियों का प्रयोग किया है और अपने उद्देश्य में आशातीत सफलता पायी है । लोकोक्तियों ने अनेक तथ्यों के मर्म को उभार कर उन्हें गहन और तीक्ष्ण बना दिया है जिससे कथन में मर्मस्पर्शिता आ गई है । पात्रों के चारित्रिक वैशिष्ट्य की अभिव्यक्ति में भी सूक्तियाँ बड़ी कारगर सिद्ध हुई हैं । कहीं प्रसंगवश नीति-विशेष के प्रतिपादन हेतु भी सूक्तियाँ प्रयुक्त हुई हैं । इन सभी सन्दर्भो में लोकोक्तियों और सूक्तियों ने अभिव्यक्ति को रमणीय बनाने का चामत्कारिक कार्य किया है। m
SR No.006193
Book TitleJayoday Mahakavya Ka Shaili Vaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAradhana Jain
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages292
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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