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________________ इन्द्रों के नाम प्रसादों का वर्ण आयु (स्थिति) (सागरोपम) सारिणी-3 ऊँचाई लेश्या (रत्नि में) (मनोवृत्ति) अवधि ज्ञान की सीमा आहार ग्रहण करने की इच्छा (हजार वर्षों में) 2 काम-क्रीड़ा का माध्यम 7 तेजस् पहली नरक शरीर के द्वारा 2सक 7 तेजस् पहली नरक 2 से कुछ अधिक " पद्य दूसरी नरक स्पर्श के द्वारा माहेन्द्र सौधर्म काला, नीला, लाल, 2 पीला, श्वेता ईशान काला, नीला, लाल, 2 से कुछ पीला, श्वेत अधिक सनत्कुमार नीला, लाल, पीला श्वेत 7 7 से कुछ अधिक ब्रह्म लाल, पीला, श्वेत लान्तक लाल, पीला, श्वेत महाशुक्र ___ पीला, श्वेत सहस्रार पीला, श्वेत आनत 7 ... 7 से कुछ अधिक 10 5 शुक्ल तीसरी नरक " . - रूप के द्वारा : 14 चौथी नरक 17 स्वर के द्वारा : 18 19 पांचवीं नरक मनके द्वारा प्राणत : छठी नरक आरण अच्युत ग्रैवेयक 20 21 22 " सातवीं नरक अनुत्तरदेव संपूर्ण लोक नाड़ी 33 काम क्रीड़ा का अभाव काम-क्रीड़ा का अभाव 22
SR No.006192
Book TitlePrakrit Ke Prakirnak Sahitya Ki Bhumikaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2016
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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