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________________ 21 वैमानिक देव- इसके बाद वैमानिक देवों के बारह भेदों ग्रेवेयक देवों के 9 भेदों और अनुत्तर वैमानिक देवों के पाँचभेदों का विस्तार से वर्णन कियागया है। विशेष रूप से इनके विमान, स्थिति, लेश्या, ऊँचाई, गंध, कामकीड़ा, अवधिज्ञान सीमा, आहार ग्रहण करने की इच्छा, उनके प्रसाद, प्रसादों का वर्ण आदि विवरण प्रस्तुत किया गया है, जिसे निम्न सारणियों द्वारा आसानी से समझा जा सकता है। (गाथा 162 से 276)इन्द्रों के नाम विमानों का पृथ्वी की विमानसंख्या प्रत्येक विमान आधार मोटाई में प्रसादों की (योजनमें) संख्या सौधर्म घनोदधि 2700 32 लाख 500 - ईशान घनोदधि . 2700 28 लाख 500 सनत्कुमार घनवात 2600 12 लाख 600 2600 8 लाख ब्रह्म घनवात 2500 4 लाख 700 अवकाशान्तर 2500 50 हजार महाशुक्र अवकाशान्तर 2400 40 हजार सहस्त्रार 2400 6 हजार आनत 2300 200 900 2300 200 900 आरण 2300 150 900 अच्युत 2300 150 900 ग्रैवेयक 2200 307 1000 अनुत्तरदेव 2100 5 1100 माहेन्द्र घनवात 600 लान्तक 700 800 800 प्राणत
SR No.006192
Book TitlePrakrit Ke Prakirnak Sahitya Ki Bhumikaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2016
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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