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________________ 255 साहित्यिक साक्ष्य के रूप में 'गच्छ' शब्द का इस अर्थ में उल्लेख हमें सर्वप्रथम ओघनिर्युक्ति (लगभग 6ठीं - 7वीं शताब्दी) में मिलता है जहाँ कहा गया है कि 'जिस प्रकार समुद्र में स्थित समुद्र की लहरों के थपेड़ों को सहन नहीं करने वाली सुखाभिलाषी मछली किनारे चली जाती है और मृत्यु प्राप्त करती है उसी प्रकार गच्छ रूपी समुद्र में स्थित सुखाभिलाषी साधक भी गुरुजनों की प्रेरणा आदि को त्याग कर गच्छ से बाहर चला जाता है तो वह अवश्य ही विनाश को प्राप्त होता है।' यद्यपि ओघनिर्युक्ति का उल्लेख आवश्यकनिर्युक्ति में उल्लिखित दस निर्युक्तियों में नहीं है क्योंकि सामान्यतः यह माना जाता है कि ओघनियुक्ति आवश्यकनियुक्ति का ही एक विभाग है, किन्तु वर्तमान में उपलब्ध ओघनिर्युक्ति की सभी गाथायें आवश्यक निर्युक्ति में रही हों, ऐसा प्रतीत नहीं होता। हमारी दृष्टि में ओघनियुक्ति की अधिकांश गाथायें आवश्यक मूल भाष्य और विशेषावश्यक भाष्य के रचनाकाल के मध्य कभी निर्मित हुई हैं । ओघनिर्युक्ति के पश्चात् ‘गच्छ' का उल्लेख हमें सर्वप्रथम हरिभद्र के पंचवस्तु ( 8वीं शताब्दी) में मिलता है, जहाँ न केवल 'गच्छ' शब्द का प्रयोग मुनियों के समूह विशेष के लिए हुआ है, अपितु उसमें 'गच्छ' किसे कहते हैं ? यह भी स्पष्ट किया गया है । हरिभद्रसूरि के अनुसार एक गुरु के शिष्यों का समूह गच्छ कहलाता है ।' वैसे शाब्दिक दृष्टि से 'गच्छ' शब्द का अर्थ एक साथ विहार आदि करने वाले मुनियों के समूह से किया जाता है और यह भी निश्चित है कि इस अर्थ में 'गच्छ' शब्द का प्रचलन 7वीं शताब्दी के बाद ही कभी प्रारंभ हुआ होगा, क्योंकि इससे पूर्व का ऐसा कोई भी अभिलेखीय अथवा साहित्यिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं होता । 1. 2. जह सागरंमि मीणा संखोहं सागरस्स असहंता । निति तओ सुहकामी निग्गयमित्ता विनस्संति ॥ एवं गच्छ समुद्दे सारणवीईहिं चोइया संता । निंति तओ सुहकामी मीणा व जहा विणस्संति ॥ - ओघनिर्युक्ति, गाथा 116 117 गुरु परिवारो गच्छो तत्थ वसंताण निज्जरा विउला । विणयाओ तह सारणमाईहिं न दोसपडिवत्ती ॥ - पंचवस्तु (हरिभद्रसूरि), प्रका. श्री देवेन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, TITT 6961
SR No.006192
Book TitlePrakrit Ke Prakirnak Sahitya Ki Bhumikaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2016
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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