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________________ 242 नक्षत्र सारणी नं. 1 . क्र.स. नक्षत्र कानाम् | संज्ञा | उनमें करणीय कार्य 1. उ. फा., उ.षा., उ.भा., रोहिणीऔर रविवार स्थिर अथवा ध्रुवसंज्ञक बीज बोना, गृह कर्म, शालिक कर्म, बागआदि लगवाना, आदि स्थिर कार्य 2. | स्वाति, पुनर्वसु, श्रवण, | घनिष्ठाशतभिषाऔर सोमवार चर अथवा चलसंज्ञक हाथी, घोड़े की सवारी, वाटिका में जाना आदिचर कार्य ___3. | पू.फा., पू.षा., पू.भा., भरणी मघाऔर मंगलवार | उग्र अथवा | घातकर्म, अग्निदाह, धूर्तता, क्रूरसंज्ञक | विष देना, शास्त्रादि निर्माण एवं धारणादि उग्र एवं क्रूर कार्य 4. | विशाखा, कृतिका और । |मिश्रअथवा | अग्निहोत्र धारण करना, अन्य साधारणसंज्ञक नक्षत्रोक्तकर्म, वृषोत्सर्ग क्रिया एवं अन्य उम्र कर्मभी बुधवार हस्त, अश्विनी, पुष्प, अभिजित और गुरुवार लघुअथवा | वस्तु विक्रय, रतिकर्म, शास्त्र | क्षिप्रसंज्ञक | । ज्ञान, भूषणधारण, . शिल्पकला, शिक्षणादि कर्म
SR No.006192
Book TitlePrakrit Ke Prakirnak Sahitya Ki Bhumikaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2016
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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