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6/जयोदय महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन 5. भद्रोदय : इसमें असत्यभाषी तस्कर सत्यघोष की कथा के माध्यम से, असत्य भाषण
और परधनापहरण का परिणाम हितकर नहीं होता है, प्रकट कर सत्य भाषण का सुपरिणाम बतलाया गया है। 6. मुनिमनोरंजन शतकम् : इसमें रम्य पद्धति से मुनियों के कर्तव्यों का वर्णन सौ श्लोकों
से किया गया है। 7. प्रवचनसार : यह छाया ग्रन्थ है, जिसमें आ. कुन्द कुन्द के प्रवचन सार की गाथाओं
का श्लोकों में प्रतिबिम्ब रूपतया वर्णन किया गया है। . इन उपर्युक्त संस्कृत रचित ग्रन्थों के अतिरिक्त महाकवि के द्वारा हिन्दी भाषा में रचे गये चौदह ग्रन्थ और हैं । संक्षेप में जिनका परिचय इस प्रकार है - 8. ऋषभावतार : इसमें भगवान् ऋषभ देव का गीतिका, चौपाई आदि विविध छन्दों में चरित
निबद्ध किया गया है। 9. गुण सुन्दर वृतान्त : इसमें राजा श्रेणिक के समय में युवावस्था में दीक्षित एक सेठ के ___पुत्र का रम्य वर्णन किया गया है । इसकी कविता अत्यन्त आकर्षक है । 10. भाग्योदय : इसमें धन्य कुमार के चरित्र-चित्रण किये गये हैं। 11. जैन विवाह विधि : इसमें सरल पद्धति से हिन्दी भाषा में विवाह विधि का जैन प्रथा
. के अनुसार पूर्ण वर्णन किया गया है । - 12. सम्यक्त्वसार शतक : इसमें सम्यक्त्व का अत्यन्त मार्मिक ढंग से सौ छन्दों में महाकवि
ने वर्णन किया है। 13. तत्वार्थसत्र टीका : इसमें तत्वार्थसूत्रों का वर्णन किया गया है एवं अनेक नवीन विषयों . का प्रकरण वश निरूपण भी किया गया है तथा प्रस्तावना में नूतन विचारों पर प्रकाश . भी डाला गया है। 14. कर्तव्य पथ प्रदर्शन : इसमें सर्वसाधारण के लिये दैनिक कर्तव्यों पर प्रकाश डाला गया
15. विवेकोदय : इस ग्रन्थ में आचार्य कुन्द-कुन्द के समयसार की गाथाओं का गीतिका - छन्द में वर्णन किया गया है। । 26. सचित्त विवेचन : इस ग्रन्थ में सचित्त और अचित्त वस्तुओं का आगम के आधार पर
प्रागाणिक विवेचन किया गया है । . .. . उक्त पुस्तकें प्रकाशित भी हो चुकी हैं। 17. देवागमस्त्रोत का हिन्दी पद्यानुवाद इसमें देवागम स्त्रोत का हिन्दी भाष में छन्दोबद्ध ___ अनुवाद किया गया है, जिसका प्रकाशन जैन गजट में हुआ है।
18. नियमसार का पद्यानुवाद : इसमें नियम सार का पद्यवद्ध हिन्दी भाषा में अनुवाद किया • गया है जो जैन गजट में प्रकाशित है।