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________________ राजस्थान सरकार गृह (ग्रुप-10 ) विभाग क्रमांक :-10 (17) गृह - 10/94 जयपुर, दिनांक :-21.12.95 यतः राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया है कि दिनांक 25.5.94 को परिवादी श्री लक्ष्मीचंद मेहता पुत्र श्री उम्मेदमल जाति जेन निवासी सांचोर ने पुलिस थाना सांचोर में रिपोर्ट इस आशय से प्रस्तुत की कि श्री ईश्वरलाल खत्री जो स्वयं को अनोप मण्डल का सदस्य बताता है, तथा जो 'सत्यपुर टाईम्स' नामक साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशक, मुद्रक व स्वत्वाधिकारी है, तथा इस समाचार पत्र को अपने एजेन्टों के माध्यम से वितरित करता है, ने अपने समाचार पत्र दिनांक 15.2.94 के 'सत्यपुर टाईम्स' के अंक संख्या 42 में जैन धर्मावलम्बियों की तुलना राक्षसों से कर जैन धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। जैन महाजनों की तुलना रावण व हिरणाकुश से अपने संस्करण दिनांक 22.2.94 अंक 43 मे कर हिंसा व घृणा का प्रचार प्रसार किया है। इनके संस्करण दिनांक 24.5.94 को इसने साम्प्रदायिक लेख के अन्तर्गत इन्द्रजाल के द्वारा बुद्धि भ्रष्ट कर लोगों को नेकी से हटाने का आपत्तिजनक प्रकाशन किया है। इन तथ्यों पर पुलिस ने प्रथम सूचना संख्या 135 / 94 अन्तर्गत धारा 153ए 295ए भा.दं.सं. में पंजीबद्ध कर अन्वेषणा प्रारम्भ किया। अन्वेषण के दौरान मुस्तगीस लक्ष्मीचंद गवाहान मोहनलाल दोसी के बयान लेखबद्ध किये गये, ‘सत्यपुर टाईम्स' से आपत्तिजनक अंक-6 दिनांक 7.3.94, अंक 18 दिनांक 24.5.94 प्रति तथा अंक 27.12.94 की छायाप्रति व अन्य आवश्यक दस्तावेज जब्त किये गये । • आदेश -- ईश्वरलाल खत्री पुत्र श्री कालू जो खत्री निवासी सांचोर के द्वारा अपने समाचार पत्र के उपरोक्त अंकों के प्रकाशन करने से जैन धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर अपमानित करने का कृत्य प्रथम दृष्टया किया है, जिसके लिए उनके विरुद्ध धारा 295ए भा.दं.सं. का अपराध कारित करना पाया जाता है। अतः राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किये गये अभिलेख एवं साक्षीगणों के बयानों का अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि उक्त ईश्वरलाल खत्री ने जैन धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर अपमानित किया है, तथा राज्य सरकार सन्तुष्ट है कि उक्त ईश्वरलाल के विरुद्ध धारा 295ए भा.दं.सं. के अन्तर्गत अपराध बनता है, तथा इनके विरुद्ध सक्षम न्यायालय में अभियोग चलाया जावे। 1 अतः राज्य सरकार द्वारा धारा 196 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अभियुक्त ईश्वरलाल खत्री पुत्र श्री कालूराम जाति खत्री निवासी सांचोर के विरुद्ध धारा 295ए भारतीय दंड संहिता एवं अन्य जो भी अपराध उक्त अभियुक्त के विरुद्ध पाया जावे, के लिये सक्षम न्यायालय में अभियोग प्रस्तुत करने की अभियोजन स्वीकृति एतद् द्वारा जनहित में प्रदान की जाती है। राज्यपाल के आज्ञा से 82+ (सुन्दर लाल बत्रा ) उप शासन सचिव गृह राजस्थान सरकार शासन सचिवालय, जयपुर
SR No.006170
Book TitleAnup Mandal Ki Apradhik Karyavahi Ke Viruddh Rajy Sarkar Dwara Jari Adhisuchnaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
PublisherBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
Publication Year2015
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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