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उपखण्ड मजिस्ट्रेट का आदेश - एक उदाहरण सशर्त सत्संग की अनुमति
संस्थान की स्थापना के बाद जिला प्रशासन अनूप मण्डल के भाविकों को मेले व शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं देता है। कहीं सत्संग करने की अनुमति दी जाती है उस पर प्रतिबंध लगाकर सशर्त अनुमति दी जाती है। इसके विरुद्ध सन् 1996 में अनूप मण्डल के भाविक सोमाराम गरासिया पुत्र प्रेमाजी निवासी अलमराज की कचेड़ी, भीमाणा ने राजस्थान हाईकोर्ट में रिट सं. 158/96 पेश की थी, जिसे संस्थान के प्रयत्न से 10/11/97 को खारिज कराया गया।
अनूप मण्डल के सत्संग पर प्रतिबंध लगाने का एक उदाहरण उपखण्ड मजिस्ट्रेट, सिरोही का आदेश क्रमांक न्याय /99/1199-1204 दिनांक 30/12/99 की प्रतिलिपि निम्न प्रकार है :
कार्यालय उपखण्ड मजिस्ट्रेट, सिरोही
क्रमांक :न्याय /99/119
दिनांक : 30-12-99 श्री प्रकाशराज पुत्र श्री गलाराम गहलोत (माली) निवासी गोकुलवाड़ी (शिवगंज) अध्यक्ष, अनोपमण्डल, शिवगंज
विषय : श्री अनोपदासजी महाराज के शिवगंज में दिनांक 1.1.2000 को सत्संग समारोह बाबत्।
उपरोक्त विषय में लेख है कि आपके प्रार्थना-पत्र दिनांक 27.12.99 के सम्बन्ध में आप निम्नांकित कार्यवाही करें :1. श्रीमान् पुलिस अधीक्षक, सिरोही से नियमानुसार आयोजन हेतु अनुज्ञा पत्र प्राप्त करें। 2. आयोजन में लाउड स्पीकर का उपयोग नहीं करें। 3. आयोजन में शोभायात्रा एवं जुलूस नहीं निकालें। 4. आयोजन में किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं करें। 5. आयोजन स्थल के मालिक से लिखित में सहमति प्राप्त कर प्रस्तुत करें। 6. आयोजन से पूर्व शांति व्यवस्था की दृष्टि से आयोजन स्थल का थानाधिकारी शिवगंज को मौका
मुआयना करवावें। 7. आयोजन से पूर्व अधोहस्ताक्षरकर्ता एवं उप पुलिस अधीक्षक, सिरोही को आयोजन स्थल की
व्यवस्थाओं की जनसुरक्षा एवं सुविधाओं की दृष्टि से यथा पेयजल एवं विद्युत की व्यवस्था किस
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