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साबित करवाने में पूर्णतया सफल रहा है। अतः अभियुक्त उक्त आरोप में दोष सिद्ध घोषित किये जाने योग्य है।
9. परिमाणस्वरूप अभियुक्त ईश्वरलाल पुत्र श्री कालुराम, कौम-खत्री, निवासी-सांचोर, संपादक, सत्यपुर टाईम्स, साप्ताहिक, सांचोर को उस पर आरोपित अपराध धारा 295ए भारतीय दंड संहिता में दण्डनीय अपराध करने का दोष सिद्ध करार दिया जाता है। सजा के प्रश्न पर उभय पक्षों को सना जाकर दण्डादेश पारित किया जायेगा।
(नरेन्द्र कुमार) न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम वर्ग, सांचोर
सजा के प्रश्न पर 10. सजा के प्रश्न पर उभय पक्षों को सुना गया। विद्वान अधिवक्ता अभियुक्त का तर्क है कि यह उसका प्रथम अपराध है तथा काफी लम्बे समय से अभियुक्त इस प्रकरण की अन्वीक्षा का सामना कर रहा है। अतः अभियुक्त को परिवीक्षा पर छोड़े जाने की प्रार्थना की गई। विद्वान ए.पी.पी. ने उपरोक्त तर्कों का विरोध किया।
11. हमने उभय पक्षों के तर्कों को सुना एवं पत्रावली का अध्ययन एवं अवलोकन किया। अभियुक्त का अपराध वर्ग विशेष की भावनाओं को आहत कर जनाक्रोश भड़काने का है। अतः मामले के समूल तथ्यों और परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति के मध्य नजर अभियुक्त को परिवीक्षा का लाभ दिया जाना न्यायोचित नहीं है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध की प्रकृति के मध्य नजर अभियुक्त के विरुद्ध नरमी का रुख अपनाया जाना न्यायोचित नहीं है।
दण्डादेश
12. परिणामस्वरूप अभियुक्त ईश्वरलाल पुत्र श्री कालूराम, कौम-खत्री, निवासी-सांचोर, संपादक सत्यपुर टाईम्स साप्ताहिक, सांचोर को धारा 295ए भारतीय दंड संहिता में दण्डनीय अपराध करने को दोष सिद्ध करार दिया जाकर उसे उक्त अपराध में तीन साल के कठोर कारावास तथा रुपये 5000/जुर्माना, अदम अदायगी जुर्माना 6 माह के साधारण कारावास के दंड से दण्डाविष्ट किया जाता है। अभियुक्त की नियमित उपस्थिति बाबत् पेश जमानत मुचलके तुरन्त प्रभाव से निरस्त किये जाते हैं। अभियुक्त का सजा वारंट बनाया जावे। निर्णय की एक प्रति अविलम्ब अभियुक्त को निःशुल्क दी जावे।
(नरेन्द्र कुमार)
न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम वर्ग, सांचोर 13. निर्णय व दण्डादेश आज दिनांक 16 अप्रैल 2010 को मेरे द्वारा खुले न्यायालय में लिखाया जाकर सुनाया गया।
(नरेन्द्र कुमार) न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम वर्ग, सांचोर
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