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________________ किया, जिसके फलस्वरूप इनका प्रकाशन बन्द हो गया : (1) श्री निकलंक एक्सप्रेस, पचपदरा :- निर्णय दिनांक 28.3.94 एवं पुनः निर्णय दिनांक 23. 6.97 (2) मारवाड़-मित्र, अहमदाबाद :- निर्णय दिनांक 28.8.2000 ___इस कार्य में साऊ टीपूबाई रतनचंद जैन रीलीजियस एण्ड चेरीटेबल ट्रस्ट, मुम्बई, श्री श्वेताम्बर तपागच्छीय मूर्तिपूजक राजस्थान जैन संघ रीलीजियस एण्ड चेरिटेबल ट्रस्ट, मुम्बई, श्री वासुपूज्य स्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक देरासर एण्ड उपाश्रय ट्रस्ट, मुम्बई व संस्थान की मुम्बई शाखा के कार्याध्यक्ष श्री फूलचंद गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ___24. हमारी संस्थान के बुजुर्ग श्री लक्ष्मीचंद मेहता पूर्व विधायक सांचोर ने अनूप मण्डल का प्रचार करने व जब्तशुदा साहित्य के उद्धरण प्रकाशित करने वाले समाचार पत्र 'सत्यपुर टाईम्स' सांचोर के सम्पादक पर धारा 295 क आई.पी.सी. में मुकदमा दायर किया व राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त कर स्वयं पैरवी कर सम्पादक ईश्वरलाल खत्री को तीन वर्ष की कठोर कैद एवं 5000 रु. के जुर्माने की सजा दिलाई। इसके फलस्वरूप इस समाचार पत्र का प्रकाशन बन्द हो गया। ___ 25. दिनांक 28 अगस्त 1999 को रोहिड़ा में जैन मंदिरों एवं साधुओं पर अनूप मण्डल के भाविकों ने आक्रमण किया। संस्थान के महासचिव तुरन्त मौके पर पहुंचे व जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से सम्पर्क कर तीन मुकदमे दर्ज करवाये। मुलजिमान की गिरफ्तारियां कराई व उनकी जमानत नहीं होने दी तथा बाद जांच 15 फरवरी 2000 को 49 व्यक्तियों के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश कराया। __26. 2 अक्टूबर 1999 को रोहिड़ा जैन संघ के आह्वान पर वृहद सम्मेलन किया गया व अब तक संस्थान द्वारा की कार्यवाही व भविष्य की योजना पर विचार विमर्श किया गया। इस सम्मेलन को सफल बनाने में रोहिड़ा जैन संघ के अध्यक्ष श्री मोहनलालजी मेहता व पूर्व अध्यक्ष श्री कुन्दनमलजी जैन एवं जैन संघ के पदाधिकारियों व युवा साथियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ____27. सितम्बर 1996 से अब तक मारवाड़ के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण करने वाले आचार्य श्री नित्योदय सागर सूरिश्वरजी, आचार्य श्री चन्द्रानन सागर सूरिश्वरजी, गच्छाधिपति आचार्य श्री जयघोष सूरिश्वरजी, आचार्य श्री सुशील सूरिश्वरजी, आचार्य श्री जिनोत्तम सूरिश्वरजी, आचार्य श्री धर्मधुरंधर सूरिश्वरजी, आचार्य श्री नित्यानन्द सूरिश्वरजी, आचार्य श्री अशोक सागर सूरिश्वरजी, आचार्य श्री रतनशेखर सूरिश्वरजी, आचार्य श्री पदमसागर सूरिश्वरजी, मुनि रेवतविजयजी, खरतरगच्छीय गणिवर्य श्री मणिप्रभासागरजी.खरतरगच्छीय साध्वी डॉ. विद्यतप्रभाश्रीजी से विचार विमर्श किया गया व इन स से मार्गदर्शन व आशीर्वाद प्राप्त किया गया तथा कार्यकर्ताओं की बैठकें इनके सान्निध्य में की गई। . 28. अनूप मण्डल के विरुद्ध जारी राजकीय आदेश एवं राजस्थान उच्च न्यायालय व अन्य न्यायालय तथा तत्कालीन सिरोही स्टेट में अनूप मण्डल के 65 भाविकों को दी गई सजा के निर्णय, इनका रजिस्ट्रेशन केन्सल करने के आदेश आदि दैनिक भास्कर के दिनांक 27.11.1999 के अंक में पृष्ठ 7 पर प्रकाशित करा कर उनकी अवैधानिक गतिविधियों की जनसाधारण को जानकारी दी गई। +1044
SR No.006170
Book TitleAnup Mandal Ki Apradhik Karyavahi Ke Viruddh Rajy Sarkar Dwara Jari Adhisuchnaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
PublisherBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
Publication Year2015
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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