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अनूप मण्डल के साहित्य को जब्त करने की विज्ञप्ति, न्यायालयों के निर्णय, तत्कालीन सिरोही स्टेट द्वारा सजा देने व साहित्य प्रतिबंधित करने की विज्ञप्ति दिनांक 9 फरवरी, 1926, 11 मार्च 1926 व 8 सितम्बर, 1940 तथा राजस्थान उच्च न्यायालय का निर्णय दिनांक 10.11.97 व सांचोर के मजिस्ट्रेट द्वारा इनके भाविक को 20 मई 1998 को तीन वर्ष की कठोर कैद की सजा देने के निर्णय की जानकारी लिखित में संस्थान द्वारा भेजी गई। इन महानुभावों ने इस जानकारी के बाद ऐसे सम्मेलनों में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया व जानकारी उपलब्ध कराने के लिए संस्थान का आभार माना।
14. संस्थान के सक्रिय कार्यकर्ताओं की पहल पर उदयपुर जिले में अनूप मण्डल का साहित्य नवम्बर 1996 में जब्त कराया गया।
15. राज्य सरकार, जिला कलक्टर, सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, अन्य पुलिस अधिकारी, थानों को बार-बार समस्त तथ्यों, दस्तावेजात, फैसलों की प्रतियों सहित ज्ञापन भेजे गये।
___16. विस्तृत ज्ञापन पुनः 15.12.97, 18.12.97, 26.12.97 व 5.1.98 को नव पदस्थापित जिला कलक्टर व पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्ट को भेजे गये।
17. मुख्यमंत्रीजी एवं जिला प्रशासन को दिये गये ज्ञापनों में ऐसे 60 व्यक्तियों की सूची दी गई, जिनके पास जब्तशुदा साहित्य रखा होने की संभावना है। .
18. इन ज्ञापनों में अनधिकृत रूप से निर्मित 'झुपड़ियों' व मेलों की तिथियों की भी जानकारी दी गई।
19. सितम्बर 1997 में भीनमाल में मुनि श्री लोकेन्द्र विजय द्वारा किये गये आत्मोसर्ग एवं उसके बाद जालोर में मूर्तियों को खण्डित करने के मामले में जिला प्रशासन से शीघ्र एवं कठोर कार्यवाही कराने हेतु संस्थान के महासचिव ने निरन्तर व लगातार सम्पर्क कर व अनेक बार भीनमाल व जालोर जाकर कार्यवाही कराई। संस्थान के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों ने दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने व विधान सभा के सामने प्रदर्शन करने तथा राज्य सरकार व जिला प्रशासन पर दबाव बनाने का निरन्तर प्रयास किया।
____ 20. 12 अप्रेल 1998 को श्री नाकोड़ा तीर्थ पर महासम्मेलन किया गया एवं विस्तृत विचार विमर्श कर भावी कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई।
21. भीनमाल-जालोर के मामले में जिन जनप्रतिनिधियों ने अनूप मण्डल की अपराधिक गतिविधियों की वकालात की, उनका बहिष्कार करने का आह्वान किया गया जिसके फलस्वरूप ऐसे जनप्रतिनिधियों ने खेद प्रकट किया व भविष्य में जैन समाज को सहयोग देने का आश्वासन दिया।
22. 18 जुलाई 1997 को सुमेरपुर स्थित अनूप प्रिंटिंग प्रेस पर व 11 अगस्त 1997 को विश्वज्योति प्रिंटिंग प्रेस पर पुलिस विभाग द्वारा छापा डलवाया जाकर जब्तशुदा साहित्य जब्त कराया गया व प्रेस के मालिकों पर मुकदमे दायर कराये गये।
___23. प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया को निवेदन कर, अनूप मण्डल का प्रचार करने वाले निम्न समाचार पत्रों के विरुद्ध कार्यवाही कराई गई। प्रेस कौंसिल ने इसकी कड़ी भर्त्सना कर इन्हें प्रताड़ित
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