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निवेदन किया। मुख्यमंत्री ने अनूप मण्डल के मेलों पर रोक लगाने के लिए सभी जिलों में आदेश भेजने का आश्वासन दिया।
7. दिनांक 12 जून 1997 एवं 13 जून 1997 की दरमियानी रात में अनूप मण्डल के अनुयायियों ने गांव भीमाणा तहसील पिण्डवाड़ा में गच्छाधिपति श्री जयघोष सूरिश्वरजी के शिष्यों पर प्राणघातक हमला किया। संस्थान के महासचिव ने व अन्य पदाधिकारियों ने तुरन्त जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से सम्पर्क कर कानूनी कार्यवाही कराई एवं राज्य स्तर व जिला स्तर पर ऐसे कांड की पुनरावृत्ति नहीं हो इसका प्रबंध किया।
___8. अनूप मण्डल की जैन विरोधी गतिविधियों पर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने व उन पर रोक लगाने के लिए एक प्रतिनिधिमण्डल संस्थान के अध्यक्ष के नेतृत्व में जयपुर जाकर 5 जुलाई 1997 को मुख्यमंत्री व उनके सहयोगी मंत्रियों व सचिवों से मिला। इन प्रतिनिधि मण्डल में संस्थान के आहवान पर, जैन विधायकगण, प्रशासनिक अधिकारी, सभी जैन संघों के पदाधिकारी शामिल हुए।
9. राज्य सरकार ने प्रतिनिधि मण्डल को समुचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया व बाद में की गई कार्यवाही का एक परिपत्र 18.7.97 जारी किया जो अलग से पुस्तक में दिया है।
10. दिनांक 5 जुलाई 1997 को जयपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस भी की गई, जिसमें प्रेस प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन व अनूप मण्डल की गतिविधियों के बारे में दस्तावेजात सहित तथ्यों को बताया गया। समस्त तथ्यों का विवरण 6 व 7 जुलाई, 1997 को निम्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ :
1. पंजाब केसरी, दिल्ली 2. जनसत्ता, दिल्ली 3. दैनिक जागरण, दिल्ली 4. राष्ट्रीय सहारा 5. दैनिक राजस्थान पत्रिका 6. दैनिक भास्कर 7. दैनिक प्रातः काल
8. दैनिक नवज्योति 9. दैनिक प्रतिनिधि
10. दैनिक जागरण 11. दैनिक जलते दीप प्रेस कांफ्रेंस एवं मुख्यमंत्री से हुए विचार विमर्श का टी.वी. न्यूज में भी व्यापक प्रसार हुआ।
11. दिनांक 18 जुलाई 1997 को इस संस्थान की मुम्बई शाखा के नेतृत्व में व संस्थान के महासचिव सहित एक प्रतिनिधि मण्डल जयपर में मख्यमंत्रीजी से मिला एवं 5 जलाई 97 को अध्यक्षजी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के तथ्यों की ओर ध्यान दिलाया। बैठक में ऊपर पैरा सं. 9 में वर्णित परिपत्र प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही का विवरण वितरित किया गया।
12. संस्थान की सिरोही शाखा के आहवान पर दिनांक 27 जुलाई 1997 को कोलरागढ़ में सभी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक की गई, जिसमें अब तक हुई कार्यवाही व भविष्य की योजना एवं वृहद सम्मेलन करने पर विचार किया गया।
13. अनूप मण्डल द्वारा आयोजित समारोहों में पूर्व महाराणा उदयपुर, शंकराचार्य महामण्डलेश्वर, सनातन धर्म के अनेक मठाधीश, मुस्लिम धर्म के काजी, विभिन्न साधु-महात्मा व राजनीतिज्ञों को आमंत्रित किया जाता है। ऐसे सभी महानुभावों को इनकी अपराधिक गतिविधियों, राज्य सरकार द्वारा
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