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________________ अपराध घटित ही नहीं होगा। इस सबके बावजूद यदि अपराध घटित हो जाता है तो पुलिस एवं प्रशासन की जिम्मेवारी है कि वे अपराधियों के विरुद्ध मुकदमे दायर कर उन्हें कानूनी प्रक्रिया अपना कर दण्ड दिलावें। प्रशासन एवं पुलिस को सभी शान्ति प्रिय व कानून पालक नागरिकों द्वारा सहयोग दिया जाना चाहिए। किसी सुयोग्य एडवोकेट से सलाह लेकर, अपराध घटित होने की सम्भावना की सूचना जिला कलेक्टर एवं दण्डनायक, सुपरिन्टेन्डेन्ट आफ पुलिस, संबंधित सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, थाने में दी जानी चाहिए इसके साथ जानकारी कर सम्भावित अपराधियों के नाम पते वल्दियत की जानकारी कर गोपनीय सूची लगानी चाहिए। ऐसी सूची साथ होने पर पुलिस अधिकारी को यह सुविधा रहेगी कि वे जांच कर उन लोगों से अपने स्तर पर ही कार्यवाही कर सदाचार के लिये प्रतिभूति धारा (108)(1)(i)(ए), धारा 110(ड) व (छ) में, परिशान्ति कायम रखने के लिय प्रतिभूति धारा 107 दण्ड प्रक्रिया संहिता में मांगेंगे। अनूप मण्डल एवं इनके सहयोगी असामाजिक तत्व जब्त शुदा साहित्य का जानबूझ कर इरादतन (इन्टेन्शनली) मौखिक या लिखित या अन्य रूप से जैसे कैसेट द्वारा प्रचार प्रसार करता है, या करने का प्रयत्न करता है उनको कार्यपालक मजिस्ट्रेट (तहसीलदार, सहायक कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (कोई भी) एक वर्ष की अवधि के लिए नेक चलनी (सदाचार या गुड बिहेवियर) के लिए पाबन्द कर सकता है ऐसा विशेष प्रावधान ऐसे व्यक्तियों के लिए ही धारा 108(10()(ए) में किया गया है इस धारा में पाबन्द करने के लिए दिये जाने वाले प्रार्थना पत्र में इरादतन (इन्टेन्शनली)' शब्द अवश्य लिखा जाना चाहिए। इस प्रकार से यह व्यक्ति पाबन्द होने के बावजूद अपराध करते हैं तो मजिस्ट्रेट या संबंधित थाने में रिपोर्ट की जाकर जमानत मुचलके जब्त कराने व जेल की हिरासत में भिजाने की कार्यवाही की जावे। उचित समझा जावे तो स्थानीय स्तर पर किसी भी कार्यकर्ता द्वारा उपरोक्त धाराओं में से किसी भी धारा में परिस्थितियों के अनुसार सम्भावित अपराधियों के विरुद्ध रिपोर्ट कार्यपालक दण्डनायक या पुलिस में प्रस्तुत कर कार्यवाही की जा सकती है। ___ऐसे मामलों में जब दण्डनायक धारा 111 दण्ड प्रक्रिया संहिता में आदेश पारित कर उन व्यक्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर देता है। उसके पश्चात् भी ऐसा महसूस हो या घटनाक्रम से लगे कि जब्त शुदा दस्तावेज का इरादतन प्रचार प्रसार कर रहे हैं या शान्ति भंग होने के डर के लिए कारण है और ऐसे व्यक्ति की तुरन्त गिरफ्तारी के बिना ऐसी शान्ति भंग का निवारण नहीं हो सकता है तब पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट या आपकी इतला जो लिखित में दी जावेगी व उस का सार दण्डनायक लिखेगा व संतुष्ट होगा तब उसकी गिरफ्तारी के वारन्ट निकालेगा। यह कार्यवाही धारा 111 के आदेश पारित होने के बाद ही अतिरिक्त इतला पर की जावेगी, इसके पूर्व नहीं। धारा 111 दण्ड प्रक्रिया संहिता में आदेश पारित करने व धारा 113 में सम्मन या वारन्ट जारी. +984
SR No.006170
Book TitleAnup Mandal Ki Apradhik Karyavahi Ke Viruddh Rajy Sarkar Dwara Jari Adhisuchnaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
PublisherBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
Publication Year2015
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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