SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 57
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 28 वीरोदय महाकाव्य और भ. महावीर के जीवनचरित का समीक्षात्मक अध्ययन संस्कृत के प्रमुख महावीरचरित दशवीं शताब्दी से लेकर बीसवीं शताब्दी तक जो संस्कृत के प्रमुख महावीर चरित रचे गये वे निम्नप्रकार हैं (1) महाकवि असग द्वारा विरचित वर्धमानचरित । हेमचन्द्रकृत त्रिषष्टिश्लाका पुरूषचरित । (2) (3) पदमनन्दिकृत वर्धमानचरित । (4) (5) सन्दर्भ भट्टारक सकलकीर्ति द्वारा रचित वीरवर्धमानचरित । आचार्य ज्ञानसागर - कृत वीरोदय महाकाव्य । - 1. संस्कृत काव्य के विकास में जैन कवियों का योगदान, पृ. 18-19 | 2. पद्मपुराण, 123/182 | 3. भारतवर्षीय दिगम्बर जैनसंघ मथुरा से 1963 ई. में सानुवाद प्रकाशित । 4. जैन साहित्य का बहद् इतिहास, भाग 6, पृ. 62 1 5. द्र. जिनरत्नकोश, पृ. 135 | 6. माणिकचन्द्र दि. जैन ग्रन्थमाला बम्बई से 1917 ई. में प्रकाशित । 7. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग-4, पृ. -11-12 1 8. श्री वर्धमानचरित, अ. -15 | 9. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग3, पृ. 170 से उद्धत । 10. द्र. वही, पृ. 104 | 11. आमेर शास्त्र - भण्डार जयपुर में इसकी हस्तलिखित प्रति है । 12. भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, 1970 ई. में प्रकाशित । 13. दि. जैन जैसवाल समाज अजमेर वी. नि. सं. 2449 में प्रकाशित । 14. मुनि ज्ञानसागर, जैन ग्रन्थमाला, 1968 ई. में प्रकाशित है।
SR No.006158
Book TitleViroday Mahakavya Aur Mahavir Jivan Charit Ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamini Jain
PublisherBhagwan Rushabhdev Granthmala
Publication Year2005
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy