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(xix)
विषयानुक्रमणिका
क्रम. सं.
पृष्ठ संख्या
प्रकाशकीय
प्राक्कथन
(i) - (iv) (v) - (viii)
(ix) - (xiv) (xvii) - (xviii)
सम्पादकीय
कृति निधि
1-38
प्रथम अध्याय श्रमणधर्म में तीर्थकर परम्परा और भ. महावीर तथा महावीर चरित-साहित्य का विकास और महत्त्व परिच्छेद - 1 श्रमण धर्म और तीर्थकर परम्परा परिच्छेद - 2 प्राकृत काव्यों में महावीर चरित-परम्परा परिच्छेद - 3 संस्कृत काव्यों में महावीर चरित-परम्परा परिच्छेद - 4 अपभ्रंश साहित्य में महावीर चरित–परम्परा परिच्छेद – 5 महावीर चरित साहित्य का विकास और महावीर चरित का महत्त्व
द्वितीय अध्याय
39-90 आचार्यश्री ज्ञानसागर जी और उनके महाकाव्यों की समीक्षा परिच्छेद - 1 आचार्यश्री ज्ञानसागर का व्यक्तित्व एवं कृतित्व परिच्छेद - 2 जयोदय महाकाव्य की समीक्षा परिच्छेद - 3 सुदर्शनोदय महाकाव्य की समीक्षा परिच्छेद -4 भद्रोदय महाकाव्य की समीक्षा परिच्छेद - 5 दयोदय की कथावस्तु की प्राचीनता एवं
वैशिष्टय तथा अहिंसाव्रत की उपादेयता