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मूकमाटी-मीमांसा :: 457
७. मूकमाटी महाकाव्य का वाक्य-वैज्ञानिक मूल्यांकन ।
८. मूकमाटी महाकाव्य का अर्थ-वैज्ञानिक अनुशीलन । 'मूकमाटी' महाकाव्य पर निम्नांकित प्रकार के भाषेतर शोध कार्य किए जा सकते हैं :
१. मूकमाटी महाकाव्य का समाजभाषा वैज्ञानिक अध्ययन । २. मूकमाटी महाकाव्य का मनोभाषा वैज्ञानिक मूल्यांकन ।
३. मूकमाटी महाकाव्य का राजभाषा वैज्ञानिक मूल्यांकन । . ४. मूकमाटी महाकाव्य की आधारभूत शब्दावली का समाजशास्त्रीय अध्ययन ।
५. मूकमाटी महाकाव्य का संस्थागत भाषाविज्ञान की दृष्टि से मूल्यांकन ।
इस शोध लेख का प्रतिपाद्य मूकमाटी महाकाव्य का साहित्य की दृष्टि से शोध है । अत: साहित्य के रचना घटकों के प्रयोग, संरचना तथा प्रकार्यों तक ही प्रस्तुत शोध विषय सीमित है । साहित्य रचना के प्रत्येक तत्त्व का अध्ययन पद्धतियों की दृष्टि से निम्नांकित प्रकार से मूल्यांकन अपेक्षित है :
१. वर्णनात्मक पद्धति की दृष्टि से। २. संरचनात्मक पद्धति की दृष्टि से । ३. तुलनात्मक दृष्टि से। ४. ऐतिहासिक दृष्टि से।
५. प्रायोगिक पद्धति की दृष्टि से ।
कथा संरचना,प्रयोग, प्रभाव तथा कार्यकारिता की दृष्टि से 'मूकमाटी' महाकाव्य पर उक्त पद्धतियों की दृष्टि से अनेक शोध कार्य सम्पन्न किए जा सकते हैं। वास्तविकता यह है कि उक्त कृति पर विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा योजनाबद्ध पद्धति से शोध कार्य कराने चाहिए। बुन्देलखण्डी, बांगरू, व्रज, कौरवी, कन्नौजी, अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी तथा मुण्डा भाषा परिवार की भाषाओं, बोलियों, साहित्यिक कृतियों तथा सांस्कृतिक अवदानों के सन्दर्भ में उक्त कृति के शोध मूल्यांकन की नितान्त आवश्यकता है । कथा-प्रयोग की दृष्टि से उक्त काव्य कृति पर निम्नलिखित शोध कार्य सम्पन्न किए जा सकते हैं :
भारतीय प्रबन्ध काव्यों के कथानकों के सन्दर्भ में 'मूकमाटी' के कथानक का मूल्यांकन' । यह योजनाबद्ध पद्धति का कार्य माना जाएगा। इसके निम्नलिखित योजना विभाग सम्भव होंगे :
'संस्कृत साहित्य के कथा-प्रयोगों के सन्दर्भ में 'मूकमाटी' महाकाव्य के कथानक का मूल्यांकन ।' यह विषय भी स्वतन्त्र-शोध योजना का विषय माना जाएगा । संस्कृत-साहित्य के प्रत्येक कवि की समस्त रचनाओं अथवा एकएक कृति के कथा-प्रयोगों के सन्दर्भ में संरचना,तुलना तथा ऐतिहासिकता की दृष्टि से 'मूकमाटी' काव्य के कथानक का अनुशीलन सम्भव है। इसी प्रकार 'प्राकृत साहित्य के कथा-प्रयोगों के सन्दर्भ में मूकमाटी महाकाव्य के कथानक का विभिन्न अध्ययन पद्धतियों की दृष्टि से मूल्यांकन' शोध विषय विस्तृत शोध कार्य योजना का विषय है । प्राकृत साहित्य भेद से इस बृहद् योजना के निम्नलिखित उपविभाग सम्भव हैं :
१. महाराष्ट्री प्राकृत साहित्य के कथा-प्रयोगों के सन्दर्भ में 'मूकमाटी' महाकाव्य के कथा-प्रयोगों का __ अध्ययन। २. शौरसेनी प्राकृत साहित्य के कथा-प्रयोगों के सन्दर्भ में 'मूकमाटी महाकाव्य के कथा-प्रयोगों का परिशीलन। ३. मागधी प्राकृत साहित्य के कथानकों के सन्दर्भ में 'मूकमाटी' महाकाव्य के कथानक का मूल्यांकन ।