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मूकमाटी-मीमांसा :: 363 "मैं दो गला।" (पृ. १७५) यह श्लेष अलंकार का उदाहरण है। इस पद में 'मैं'शब्द के दो अर्थ हैं-(१) मैं (२) मान । इसी प्रकार दो गला में दो अर्थ हैं-गलाने का आदेश और द्विभाषी।
"भ्रमर से भी अधिक काला है/यह पहला बादल-दल ।" (पृ. २२८) यहाँ बादल में श्लेष है । इसके दो अर्थ हैं-मेघ और प्रकाशसिंह बादल ।
"सागर में विष का विशाल भण्डार मिलता है।" (पृ. १९४) यहाँ विष शब्द में श्लेष है । इसके दो अर्थ हैं- पानी और विष।
“पात्र ने अपने युगल करों को/पात्र बना लिया।" (पृ. ३२७) यहाँ पात्र शब्द में यमक है । प्रथम पात्र का अर्थ है- निर्ग्रन्थ मुनि और दूसरे पात्र का अर्थ है बर्तन ।
“पात्र से पानी पीने वाला/उत्तम पात्र हो नहीं सकता।" (पृ. ३३५) यहाँ भी पात्र शब्द में यमक है।
पृष्ठ ४५२-४५३ जब आगकी नीको पार करआये हस....... ... नीरको धारणकरे सोधरगी नीरका पालन करेसो धरणी ।
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