________________
गुरुवाणी-१
हम कहाँ? कुल में किसलिए भेजा है? भगवान् के साथ सम्बन्ध जोड़ने के लिए ही भेजा है, न कि अर्थोपार्जन के लिए। हमारे हृदय में केवल अरिहन्त का ही स्थान होना चाहिए, न कि बाह्य भौतिक पदार्थों का। जीवन के केन्द्र में अरिहन्त परमात्मा को ही रखना चाहिए। जीवन में सद्गुण का निवास होगा तो धर्म टिका रहेगा। इन छ: कोटि के मनुष्य मे से हम कौनसी कोटि में आते हैं? जरा विचार करिए।
***