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________________ २८८ सूत्र संवेदना-५ लंबे, १२/, योजन चौड़े और १८ योजन की ऊँचाईवाले होते हैं (करिबन ३०० कि.मी. x १५० कि.मी. x २१६ कि.मी.) व्यन्तरों के आवासों में जो शाश्वत चैत्य होते हैं उनका माप नौ निकाय के चैत्यों से आधा है। इसी से वे चैत्य १२१/, योजन लंबे, ६.२५ योजन चौड़े और ९ योजन ऊँचे होते हैं। (लगभग १५० कि.मी. x ७५ कि.मी. x १०८ कि.मी.) ऊर्ध्वलोक के देवविमान के चैत्यों की तरह इन प्रत्येक चैत्यों में भी १८० प्रतिमाएँ (गर्भ गृह की १०८ + ३ द्वार की (३ x ४) १२ + ५ सभा की (५ x ३ x ४) ६०) होती हैं। इसी प्रकार पाताल लोक में कुल तेरह अरब, नवासी करोड़ और साठ लाख जिनबिंब होते हैं, जिनकी गिनती नीचे तालिका में दी गई है । पाताल लोक में (भवनपति में) रहनेवाले शाश्वत चैत्य तथा शाश्वत बिंब नाम | चैत्य संख्या | हर एक चैत्य में कुल बिंब प्रतिमा की संख्या १. असुरनिकाय | ६४,००,००० | १,१५,२०,००,००० २. नागकुमार |८४,००,००० १,५१,२०,००,००० ३. सुवर्णकुमार | ७२,००,००० १,२९,६०,००,००० ४. विद्युतकुमार | ७६,००,००० १,३६,८०,००,००० ५. अग्निकुमार | ७६,००,००० १,३६,८०,००,००० ६. द्वीपकुमार | | ७६,००,००० १,३६,८०,००,००० ७. उदधिकुमार | ७६,००,००० १,३६,८०,००,००० ८. दिक्कुमार | ७६,००,००० १,३६,८०,००,००० ९. पवनकुमार | ९६,००,००० |१,७२,८०,००,००० १०. स्तनितकुमार ७६,००,००० | १,३६,८०,००,००० _ कुल ७,७२,००,००० x १८० = |१३,८९,६०,००,००० १८० १८० १८० १८० १८० १८० १८० १८०
SR No.006128
Book TitleSutra Samvedana Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2015
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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