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सूत्र संवेदना-५ लंबे, १२/, योजन चौड़े और १८ योजन की ऊँचाईवाले होते हैं (करिबन ३०० कि.मी. x १५० कि.मी. x २१६ कि.मी.) व्यन्तरों के आवासों में जो शाश्वत चैत्य होते हैं उनका माप नौ निकाय के चैत्यों से आधा है। इसी से वे चैत्य १२१/, योजन लंबे, ६.२५ योजन चौड़े और ९ योजन ऊँचे होते हैं। (लगभग १५० कि.मी. x ७५ कि.मी. x १०८ कि.मी.)
ऊर्ध्वलोक के देवविमान के चैत्यों की तरह इन प्रत्येक चैत्यों में भी १८० प्रतिमाएँ (गर्भ गृह की १०८ + ३ द्वार की (३ x ४) १२ + ५ सभा की (५ x ३ x ४) ६०) होती हैं। इसी प्रकार पाताल लोक में कुल तेरह अरब, नवासी करोड़ और साठ लाख जिनबिंब होते हैं, जिनकी गिनती नीचे तालिका में दी गई है । पाताल लोक में (भवनपति में) रहनेवाले शाश्वत चैत्य तथा
शाश्वत बिंब नाम | चैत्य संख्या | हर एक चैत्य में कुल बिंब
प्रतिमा की संख्या १. असुरनिकाय | ६४,००,०००
| १,१५,२०,००,००० २. नागकुमार |८४,००,०००
१,५१,२०,००,००० ३. सुवर्णकुमार | ७२,००,०००
१,२९,६०,००,००० ४. विद्युतकुमार | ७६,००,०००
१,३६,८०,००,००० ५. अग्निकुमार | ७६,००,०००
१,३६,८०,००,००० ६. द्वीपकुमार | | ७६,००,०००
१,३६,८०,००,००० ७. उदधिकुमार | ७६,००,०००
१,३६,८०,००,००० ८. दिक्कुमार | ७६,००,०००
१,३६,८०,००,००० ९. पवनकुमार | ९६,००,०००
|१,७२,८०,००,००० १०. स्तनितकुमार ७६,००,०००
| १,३६,८०,००,००० _ कुल ७,७२,००,००० x १८० = |१३,८९,६०,००,०००
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