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________________ भरहेसर-बाहुबली सज्झाय सूत्र परिचय: यह सूत्र राई प्रतिक्रमण का प्रारंभ करने के पूर्व सज्झाय के रूप में बोला जाता है। सज्झाय अर्थात् स्वाध्याय (स्व+अध्याय) । जिसमें 'स्व' अर्थात् आत्मा का सविशेष प्रकार से अध्ययन होता है, उसे स्वाध्याय कहते हैं। इस सूत्र में स्वाध्याय करने की एक विशिष्ट पद्धति है। इसमें आत्महित करनेवाले अनेक महात्माओं और महासतियों के नामस्मरण द्वारा उनकी साधना की अनुमोदना करते हुए उनके अनुसरण रूप स्वाध्याय को बताया गया है। जैन परिभाषा के अनुसार आत्महितकारक, चिंतनीय, मननीय पद्य-कृतियों को 'सज्झाय' कहते हैं। यह सूत्र वैसी ही एक कृति है, इसलिए इसके प्रथम दो नामों के आधार पर इसे 'भरहेसरबाहुबली सज्झाय' कहते हैं। इस सूत्र से सत्त्वशाली १०० महान आत्माओं का स्मरण करना है। प्रातः काल में इन सभी महापुरुषों का नामस्मरण करने से अनायास ही उनके उत्तम गुणों का स्मरण भी होता है; जो अपनी सुषुप्त आत्मा की सुस्ती दूर कर गुणप्राप्ति के लिए नवीन ऊर्जा प्रदान करते हैं और
SR No.006128
Book TitleSutra Samvedana Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2015
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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