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________________ वंदित्तु सूत्र हैं, उसमें कोई दोष न लगे इसलिए पहले से ही सुन्दर भावना द्वारा सावधान रहने का अलौकिक मार्ग तैतीसवीं गाथा में बताया है। तपाचार में जिस प्रकार संलेखना तप के बारे में बताया है उसी प्रकार बाकी के सभी तप संबंधी दोष न लगें वह स्वयं सोच लेना है। इस तरीके से ज्ञानाचार आदि चार आचारों का पालन एवं उनके दोषों का वर्णन सूत्रकार भगवंत ने स्वयं किया है। वीर्याचार सर्वत्र व्यापक होने से उसका अलग वर्णन नहीं किया है; परंतु शक्ति अनुसार इन व्रतों का अग्रहण, अपालन या विपरीत पालन में वीर्याचार का अतिचार लगता है, ये बात स्वयं समझ लेनी है। चौंतीसवीं गाथा में शुभ योगों के प्रवर्तन द्वारा मन, वचन, काया के अशुभ प्रवर्तन से लगे हुए दोषों का प्रतिक्रमण करने का निर्देश है एवं पैंतीसवीं गाथा में विविध प्रकार की धर्म क्रियाओं में लगे दोषों का प्रतिक्रमण किया गया है। जिन दोषों का आसेवन पुनः पुनः होता है, वैसे दोषों के प्रतिक्रमण से क्या फायदा ? इस प्रकार की शंका के समाधान रूप छत्तीस से इकतालीस गाथा तक प्रतिक्रमण करने से किस प्रकार का विशिष्ट लाभ होता है, साधक कर्म बंध से किस प्रकार बचता है, कर्म के भार से किस तरीके से हल्का हो सकता है आदि विवेचन दृष्टांत पूर्वक हृदय को स्पर्शे वैसे सुंदर तरीके से बताया गया हैं। स्थूल अतिचारों की आलोचना करने के बाद ख्याल में न आए वैसे सूक्ष्म अतिचारों की आलोचना, निन्दा एवं गर्हा बयालीसवीं गाथा में की गई हैं। गाथा तैंतालीस में विराधना से हटकर आराधना के लिए उठते हुए चौबीस जिनों की वंदना रूप, मध्यम मंगलाचरण किया है। उसके बाद दो गाथाओं में उसी उद्देश से सर्व मन्दिरों की एवं सर्व साधु भगवंतों की वंदना की गई है। गाथा छियालीस में श्रावक को अपना सम्पूर्ण दिन किस तरह बिताना चाहिए, उसकी सुन्दर भावना व्यक्त की गई है। सैंतालीसवीं गाथा में अरिहंतादि उत्तम पुरुषों को मंगलरुप स्वीकार कर, सम्यग्दर्शन गुण धारक देवों से समाधि एवं बोधि की प्रार्थना की गई है। आचार एवं व्रत विषयक अतिचारों का वर्णन करने के बाद जिन चार कारणों से अतिचार लगते हैं, वैसे प्रतिक्रमण के मुख्य हेतुओं को बताकर, व्रतधारी या व्रत
SR No.006127
Book TitleSutra Samvedana Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2009
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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