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जावंति चेईयाई सूत्र
सूत्र परिचय:
इस सूत्र में सभी चैत्यों को वंदना की गई है, इसलिए इसका दूसरा नाम 'सव्व चेइयवंदन सूत्र' है ।
चैत्यवंदन के प्रारंभ में 'जं किंचि' सूत्र बोलकर सभी तारक तीर्थ और तीर्थ में रहे जिनबिंब को वंदना की जाती है। उसके बाद परमात्मा के सद्भूत गुणों के उत्कीर्तन के लिए नमोऽत्थुणं सूत्र बोला जाता है । उससे भगवान के प्रति अहोभाव अत्यंत वृद्धिमान होने से परमात्मा के सभी चैत्यों को वंदना करने की भी अभिलाषा जागृत होती है, इसीलिए चैत्यवंदन में नमोऽत्थुणं सूत्र बोलने के बाद यह सूत्र बोला जाता है ।
यह सूत्र श्राद्ध प्रतिक्रमण (वंदित्तु सूत्र) में भी ४४वीं गाथा स्वरूप है ।
मूल सूत्र: जावंति चेइयाई, उड्डे अ अहे अतिरिअलोए अ । सव्वाइं ताई वंदे, इह संतो तत्थ संताई ।।१।।
पद-४
संपदा-४
अक्षर-३५