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________________ हो तो (ऊपर का चित्र देखें) एक हेलीकॉप्टर में बैठ जावें। इस हेलीकॉप्टर को 100-200 फुट की ऊँचाई पर ले जाकर आकाश में स्थिर खड़ा कर दिया जावे। यदि पृथ्वी घूमती हो तो नीचे देखते रहें। पृथ्वी घूमते-घूमते जब अमेरिका हमारे नीचे आवे तब हेलीकॉप्टर नीचे उतार कर अमेरिका पहुँच जाय। B. पृथ्वी फिरती होती तो? यह चित्र देखें। विद्यार्थियों को सिखाया जाता है कि चकरी में बैठे सभी बालकों की पताका जब चकरी तेजी से घूमती है तब एक ही दिशा में दिखाई देती है। हम अनुभव करते हैं कि हवा कभी पूर्व से, कभी पश्चिम से, कभी दक्षिण से कभी पूर्व उत्तर से भी आती है। मंदिर के शिखर की ध्वजा चारों दिशा में उड़ती रहती है यही घटनाएँ बताती है कि पृथ्वी घूम नहीं रही है, नहीं तो ध्वजा मात्र पूर्व दिशा की हवा से पश्चिम दिशा में ही उड़ती। उदारहणार्थ आप गाड़ी में बैठकर (पूर्व दिशा में) जा रहे हो तो आपका रुमाल दरवाजे के बाहर हाथ में पकड़ कर रखने पर जिस दिशा में गाड़ी जा रही हो उसके विपरीत दिशा में उड़ेगा। यह अनुभव की बात है। इसी प्रकार यदि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूम रही हो तो हवा के पूर्व से आने का अनुभव होना चाहिए। किन्तु ऐसा नहीं होता। अत: पृथ्वी घूमती नहीं है यह सरलता से समझ सकते हैं। ___C. पृथ्वी घूमती नहीं है इस चित्र को जरा गौर से देखो। उपर ध्रुव तारा है नीचे पृथ्वी का गोला है। यदि पृथ्वी सही में गोल होती तो यह ध्रुव तारा विषुववृत्त रेखा से नीचे जानेवाले को दिखाई नहीं देना चाहिए। किंतु दक्षिण ध्रुव की साहसिक यात्रा करने वाले केप्टन मील के कथन अनुसार दक्षिण में 30 अक्षांश तक ध्रुव तारा स्पष्ट दिखाई देता है। 95
SR No.006119
Book TitleJain Tattva Darshan Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Mandal Chennai
PublisherVardhaman Jain Mandal Chennai
Publication Year
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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