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ગીતા અને કુરાન મુસલમાન બંને માટે માર્ગ એક જ છે. કબીર કહે છે, સન્ત! સાંભળો, રામ અને ખુદામાં ફરક નથી પણ હિન્દુ અને મુસલમાન બંને માર્ગ ભૂલ્યા છે.”
ઢોંગી ધર્મગુરુઓનું વર્ણન કરતાં કબીર સાહેબ ४ छ:
सन्तो! देखते जग बौराना, सांच कहौं तो मारन धावै झूटे जग पतियाना. नेमी देखा, धरमी देखा प्रात करहिं अस्नाना, आलम मारि पखानहिं पूजै अनि मंह कछअ न ज्ञाना. बहुतक देखा पीर औलिया पढ़ें कतब कुराना, के मुरीद तदबीर बतावै अनि महं अहै जो ज्ञाना आसन मारि डिंभ धरि बैठे मन महं बहुत गुमाना, पीतर पाथर पूजन लागे तीरथ गरब भुलाना, माला पहिरै टोपी पहिरै छाप तिलक अनुमाना, साखी शब्दै गावत भूले आतम खबरि न जाना. हिन्दू कह मोहि राम पियारा तुरुक कहैं रहिमाना, आपस महं दो लरि लरि मूले मरम काहु नहिं जाना. घर घर मन्तर देत फिरत हैं महिमाके अभिमाना, गुरू सहित सीस सब बूड़े अन्तकाल पछताना, कहहिं कबीर सुनहु हो सन्तो! भी सब भरम भुलाना, केसी कहूं कहा नहिं माने सहजै सहज समाना.
काजी सो जो काज बनावे नहिं अकाज से राजी, जो अकाजकी बात चलावे सो काजी नहिं पाजी. कबीर सोी पीर है जो जाने पर पीर, जो पर पीर न लानी सो काफ़िर बेपीर.