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૫૭૬ ] સિદ્ધહેમ - બાલાવબોધિની
सूत्रम् । सूत्राङ्क। । सूत्रम् । . सूत्राङ्क । कालो दिगौ० ॥ ३-१-५७ ॥ | कुत्सिताल्पशाते ॥ ७-३-३३ ॥ काश्यपको० ॥ ६-३-१८८ ॥ कुन्त्यवन्तः० ॥ ६-१-१२१ ॥ कशादेरिलः ॥६-२-८२ ॥ कुप्यभिद्यो० ॥ ५-१-३९ ॥ काश्यादेः॥६-३-३५ ॥ कुमहभ्यां वा ॥ ७-३-१०८॥ कासूगोणीभ्यां० ॥ ७-३-५० ॥ कुमारः श्रमणादिना॥३-१-११५॥ कियत्तत्सर्व० ॥ ७-२-९५ ॥ कुमारशीषाणिन् ॥५-१-८२॥ किंवृत्ते लिप्सायाम् ॥५-३-९॥ कुम्भपद्यादिः ॥ ७-३-१४९ ॥ किंवृत्ते सप्तमी ॥५-४-१४॥ कुमारी क्रीड० ॥ ७-३-१६ ॥ कियत्तदबहोरः ॥५-१-१०१ ॥ | कुमुदादेरिकः ॥ ६-२-९६ ॥ किंकिल स्त्यर्थः ॥ ५-४-१६ ॥ कुरुच्छरः ॥ २-१-६६ ॥ किं क्षेपे ॥ ३-१-११० ॥ कुरुयुगंधराद्वा ॥ ६-६-५३ ॥ किंत्य धे-स्याम् ॥ ७-३-८ ॥ . कुरोर्वा ॥ ६-१-१२२ ॥ कितः संशयः ॥ ३-४-६ ॥ कुर्वादेयः ॥ ६-१-१०० ॥ किमः क च ॥ २-१-४० ॥ . कुलकुक्षि-रे ॥ ६-३-१२ ॥ किमयादि-तस् ॥ ७-२-८९ ॥ कुलटाया वा ॥ ६-१-७८ ॥ किरो धान्ये ॥ ५-३-७३ ॥ कुलत्थकोपा० ॥ ६-४-४ ॥ किरो लवने ॥ ४-४-९३ ॥ कुलाख्यानाम् ॥ २-४-७९ ॥ किशरादेरिकट ॥ ६-४-५५ ॥ कुलाजल्पे ॥ ७-१-८६ ॥ कुक्ष्यात्मोदरा० ॥ ५-१-९० ॥ कुलादीनः ॥६-१-९६ ॥ कुादे यन्यः ॥ ६-१-४७ ॥ कुलालादेरकञ् ॥६-३-१९४ ॥ कुट देखिदः ॥ ४-३-१७ ॥ कुलिजाद्वा० ॥ ६-४-१६५ ॥ कुटिलकायाः०॥ ६-४-२६ ॥ कुल्मासादण् ॥ ७-१-१९५ ॥ कटीशुण्डाद्रः ॥ ७-३-४७ ॥ कुशलायु-याम् ॥ २-२-९७ ॥ कुण्ड्यादिभ्यो० ॥ ६-३-११ ॥ | | कुशले ॥६-३-९५ ॥ कुत्वा डुपः ॥ ७-३-४९ ॥ कुशाग्रादीयः ॥ ७--१-११६ ॥