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શ્રી સિદ્ધહેમચન્દ્રશબ્દાનુશાસનસૂત્રાકારાદ્યનુક્રમણિકા [ પપ
सूत्रम् । कर्तुव्याप्यं कर्म ॥ २-३-३ ॥ कर्तुस्थामूर्ता० ॥ ३-३-४० ॥ कर्मजातृचा च ॥ ३-१-८३ ॥ कर्मणः संदिष्टे ॥ ७-२-१६७॥ कर्मणि ॥ २-२-४० ॥ कर्मणि कृतः ॥ २-२-८३ ॥ कर्मणोऽण् ॥ ५-१-७२ ॥ कर्मणोऽण् ॥ १-३-१४ ॥ कर्मण्यग्न्यर्थे ॥ ५-१-१६५ ॥ कर्मवेषाद्द्यः ॥ ६-४-१०३ ॥ कर्माभिप्रेयः ० ॥ २-२-२५ ॥ कलापिकुथु० ॥ ७-४ ६२ ॥ कत्लाप्यश्वत्थ० ॥ ६-३-११४ ॥ कल्यग्नेरेयण् ॥ ६-१-१७ ॥ कल्याण्यादेरिन्० ॥६-१--७७॥ कवचिह-कण् ॥ ६-२-१४॥ कवकस्वरवति ॥ २-३-७६॥ कपः कृच्छ्रगहने ॥ ४-४-६७ ॥ haste || ५-३-३ ॥ कष्टकक्षकृच्छ्र० ॥ ३-४-३१ ॥ कसमा-र्द्धः ॥ १-१-४१ ॥ कसोमाट्र यण् ॥ ६-२-१०७ ॥ काकतालीयादयः ॥ ७-१-११७॥ airat वोष्णे ॥ ३-२-१३७ काकाद्यैः क्षेपे ॥ ३-१-९० ॥
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सूत्राङ्क ।
सूत्राङ्क ।
सूत्रम् । काक्षपयोः ॥ ३-२-१३४ ॥
काण्डाण्ड० ॥ ७-२-३८ ॥ काण्डात्तमा० ॥ २-४-२४ ॥ कादिर्व्यञ्जनम् ॥ १-१-१० ॥ कामाकच्चिति ॥५-४-२६॥ कारकं कृता ॥ ३-१-६८ ॥ कारणम् ॥ ५-३-१२७ ॥ कारिका स्थि० ॥ ३-१-३ ॥ कार्षापणा- - वा ॥ ६-४-१३३ ॥ कालः ॥ ३-१-६० ॥ कालवेला० ॥ ५-४-३३ ॥ कालस्यानहो० ॥ ५४-७ ॥ कालहेतु - गे ॥ ७-१-१९३ ॥ कालाजटा-पे ॥ ७-२-२३ ॥ कालात् ॥ ७-३-१९ ॥ कालात् तन० ॥ ३-२-२४ ॥ ' कालात् - सुकरे ॥ ६-४-१०४ ॥ कालाद् देये० ॥ ६-३-११३ ॥ कालाद्भववत् ॥ ६-२-१११ ॥ कालाद्यः ॥ ६-४-१२६ ॥ कालाध्वनोः० ॥ २-२-४२ ॥ कालाध्वभा० ॥ २-२-२३ ॥ काले कार्ये ॥ ६-४-९८ ॥ कालेन तृष्य० ॥ ५-४-८२ ॥ काले भान्नवा० ॥ २-२-४८ ॥