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૫૭૪ ) સિદ્ધહેમ – ખાલાવખાધિની
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सूत्रम् । सूत्राङ्क । औता ॥ १-४-२० ॥ औदन्ताः स्वराः ॥ १-१-४ ॥ औरीः ॥ १-४-५६ ॥ कंशंभ्यां भम् ॥ ७-२-१८ ॥ कंर्द्धात् ॥ ६-४-१३५ ॥ कंसीयायः ॥ ६-२-४१ ॥ ककुदस्यः-म् ॥ ७-३-१६७ ॥ कोपान्त्य - दोः ॥ ६-३-५८॥ कगेबनूजनै० ॥ ४–२–२५ ॥ कङश्च ॥ ४-१-४६ ॥ कच्छानिवक्त्र० ॥ ६-३-६० ॥ कच्छादेननृस्थे ॥ ६-३-५५ ॥ कच्छ्वा डुरः ॥ ७-२-३९ ॥ कटः ॥ ७-१-१२४ ॥ कटपूर्वात्प्राचः ॥ ६-३-५८ ॥ कठादिभ्यो० ॥ ६-३-१८३ ॥ कडारादयः० || ३-१-१५८ ॥ कणेमनस्तृप्तौ ॥ ३-१-६ ॥ कण्ड्वादेस्तृतीयः ॥ ४-१-९॥ करकत० ॥ ३-१-१०९ ॥ कत्रिः ॥ ३-२-१३३ ॥ क यादेश्चैयकञ् ॥ ६-३-९० ॥ कथमित्थम् ॥ ७२-१०३ ॥ कथम सप्तमी० ॥ ५-४- १३ ॥ कथादेरिकण् ॥ ७-१-२१ ॥
सूत्रम् । सूत्राङ्कः । कदाकर्निवा ॥ ५-३-२८॥ कन्थाया इकण् ॥ ६-३-२० ॥ कन्या त्रिवेण्याः० ॥ ६-१-६२ ॥ कपिज्ञातेरेयण् ॥ ७-१-६५ ॥ कपिबोधा - से ॥ ६-१-४४ ॥ • कपेगोत्रे ॥ २-३-२९ ॥ कबरमणि-देः ॥ २-४-४२ ॥ कमेर्णिङ ॥ ३-४-२ ॥ कम्बलान्नानि ॥ ७-१-३४ ॥ करणक्रियया० ॥ ३-४-९४ ॥ करणं च ॥ २-२-१९॥ करणाद्यजो भूते ॥५- १-१५८॥ करणाधारे ॥ ५-३-१२९ ॥ करणेभ्यः ॥ ५-४-६४ ॥ कर्क लोहि-: ६- ॥ ७-१-१२२ ॥ कर्णललाटात्कल् ॥ ६-३-१४१ ॥ कर्णादेरायनिञ् ॥ ६-२-९० ॥ कर्णादेर्मूले० ॥ ७-१-८८ ॥ कर्तरि ॥ २-२-८६ ॥ कर्तरि ॥ ५-१-३ ॥ कर्त्तर्यनद्भ्यः शव् ॥३-४-७१ ॥ कर्तुः कि० ॥ ३-४-२५ ॥ कर्तुः खश् ॥ ५-१-११७ ॥ कर्तुर्जीवपुरुषा० ॥ ५-४-६९ ॥ कतुर्णिन् ॥ ५-१-१५३ ॥