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श्री स्थानाङ्ग सूत्र सानुवाद भाग १ ४ स्थानकाध्ययने उद्देशः ३ यान-युग्यसारथिप्रभृतिचतुर्भगीका ३२० सूत्रम् वि गंधसंपन्ने वि, एगे णो रूवसंपन्ने णो गंधसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-रूवसंपन्ने णाममेगे णो सीलसंपन्ने ट्क [-४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–जातिसंपन्ने नाममेगे नो कुलसंपन्ने ट्क [= ४] (१)। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–जातिसंपन्ने नामं एगे णो बलसंपन्ने, बलसंपन्ने नाम एगे णो जातिसंपन्ने ट्क [= ४] (२)। एवं जातीते त रूवेण त चत्तारि आलावगा (३)। एवं जातीते त सुतेण त ट्क [=४] (४)। एवं जातीते त सीलेण त ट्क [=४] (५)। एवं जातीते त चरित्तेण त ट्क [-४] (६)। चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा कुलसंपन्ने नाम एगे नो बलसंपन्ने ट्क [= ४] (७)। एवं कुलेण त रूवेण त ट्क [-४] (८)। कुलेण त सुतेण त ट्क [=४] (९)। कुलेण त सीलेण त ट्क [-४] (१०)। कुलेण त चरित्तेण त ट्क [-४] (११)। चत्तारि । पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–बलसंपन्ने नाममेगे णो रूवसंपन्ने ट्क [=४] (१२)। एवं बलेण त सुत्तेण त ट्क [४] (१३)। एवं बलेण त सीलेण त टक [= ४] (१४)। एवं बलेण त चरित्तेण त टक [= ४] (१५)। चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा–रूवसंपन्ने नाममेगे णो सुयसंपण्णे ट्क [=४] (१६)। एवं रूवेण त सीलेण त ट्क [= ४] (१७)। रूवेण त चरित्तेण त ट्क [= ४] (१८)। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-सुयसंपन्ने नाममेगे णों सीलसंपन्ने . ट्क [=४] (१९)। एवं सुतेण त चरित्तेण त ट्क [-४] (२०)। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–सीलसंपन्ने नाममेगे नो चरित्तसंपन्ने टक [-४] (२१)। एते एक्कवीसं भंगा भाणितव्वा । चत्तारि फला पन्नत्ता, तंजहा-आमलगमहुरे, मुद्दितामहुरे, खीरमहुरे, खंडमहुरे । एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा-आमलगमहुरफलसमाणे जाव खंडमहुरफलसमाणे। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहाआतवेतावच्चकरे नाममेगे नो परवेतावच्चकरे ह [-४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–करेति नाममेगे, वेयावच्चं णो पडिच्छइ, पडिच्छइ नाममेगे वेयावच्चं नो करेइ ह [= ४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहाअट्ठकरे णाममेगे णो माणकरे, माणकरे णाममेगे णो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरे वि माणकरे वि, एगें णो अट्ठकरे णो माणकरे। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–गणट्ठकरे नाममेगे णो माणकरे ह्र [=४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–गणसंग्गहकरे णाममेगे णो माणकरे ह्र [४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-गणसोभकरे णामंएगे णो माणकरे ह्र[४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–गणसोहिकरे णाममेगे नो माणकरे ह्र [=४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-रूवं नाममेगे जहति नो धम्म, धम्मं नाममेगे जहति नो रूवं, एगे रूवं पि जहति धम्मं पिजहति, एगे नो रूवंजहति नो धम्म। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-धम्मं नाममेगेजहति जो गणसंथितिं ह्र [=४]। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा–पियधम्मे नाममेगे नो दढधम्मे, दढधम्मे नाममेगे नो पियधम्मे, एगे पियधम्मे वि दढधम्मे वि, एगे नो पियधम्मे नो दढधम्मे । चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा-पव्वावणायरिते नाममेगे णो उवट्ठावणायरिते, उवट्ठावणायरिते णाममेगे णो पव्वावणायरिते, एगे पव्वायणातरिते वि उवट्ठावणातरिते वि, एगे नो पव्वावणातरिते नो उवट्ठावणातरिते धम्मायरिए। चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा–उद्देसणायरिए णाममेगे णो वायणायरिए ४ धम्मायरिए । चत्तारि अंतेवासी पन्नत्ता, तंजहा-पव्वावणंतेवासी नामंएगे णो उवट्ठावणंतेवासी ४, धम्मंतेवासी। चत्तारि अंतेवासी पन्नत्ता, तंजहा–उद्देसणंतेवासी नाम एगे नो वायणंतेवासी १, ४ धम्मंतेवासी। चत्तारि निग्गंथा पन्नत्ता, तंजहा–रातिणिते समणे निग्गंथे महाकम्मे महाकिरिए अणायावी असमिते धम्मस्स 402